कर्नाटक सरकार ने किया SC-ST फंड में घपला, अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस

लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस पार्टी अपनी छवि को दुरुस्त करने में लगी है। लेकिन सब ठीक हो पाता उससे पहले ही कांग्रेस पर दाग लग गया है। जो राहुल गाँधी लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बचाने की दुहाई देते हुए देश भर में घूमते रहे और दलित और आदिवासी समाज का समर्थन मांगते रहे, कर्नाटक में उन्हीं की सरकार ने एससी-एसटी के लिए आवंटित फंड में हेर-फेर कर दी है।

कर्नाटक सरकार पर एससी/एसटी कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित 39,121.46 करोड़ रुपये में से 14,730.53 करोड़ रुपये कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के लिए उपयोग किये जाने का गंभीर आरोप लगा है। यह रकम एससी/एसटी कल्याण के लिए आवंटित कुल राशि का 37 प्रतिशत है, जो कि एक बड़ा हिस्सा है। अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले में कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। और इसके बाद भाजपा सहित तमाम दलों ने सिद्धारमैया की सरकार पर हमला बोल दिया है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय मकवाना ने 11 जुलाई को इस बारे में एक बयान जारी कर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी करने और जवाब मांगने की बात भी कही है।

 

इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। तो बाकी दल, खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर है। इस मुद्दे पर आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिख कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। चंद्रशेखर ने चिट्ठी में लिखा है कि, मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एससी/एसटी समुदायों के कल्याण के लिए आवंटित फंड्स का उपयोग कानून के अनुसार केवल उनके विकास के लिए किया जाना चाहिए। फंड्स के डायवर्जन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि जो कांग्रेस पार्टी विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में देश की जनता को तमाम गारंटी देकर उनसे वोट मांग रही थी, क्या उसके शासन काल में ये गारंटी दलितों और आदिवासियों की बेहतरी के लिए आवंटित पैसे से पूरी की जाएगी? न्याय यात्रा के जरिये देश के वंचितों को न्याय दिलाने और हर जगह वंचितों की भागेदारी की बात करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इसका जवाब देना होगा।

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