नई दिल्ली। आपको अपना आधार नंबर कहां शेयर करना है और कहां नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कन्फ्यूजन खत्म कर दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को आधार पर फैसला सुनाते हुए इसे संवैधानिक रूप से वैध तो माना, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि इसे हर किसी से शेयर करना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि आधार नंबर कहां देना जरूरी है और कहां नहीं. आइए जानते हैं अब कहां जरूरी होगा आधार और कहां नहीं…
जहां आधार जरूरी होगा-
1-पैन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा
2-आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए भी आधार नंबर जरूरी होगा.
3-सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा.
यहां आधार जरूरी नहीं
1– मोबाइल सिम के लिए कंपनी आपसे आधार नहीं मांग सकती.
2– अकाउंट खोलने के लिए भी बैंक में आधार जरूरी नहीं.
3– स्कूल ऐडमिशन के वक्त स्कूल बच्चे का आधार नंबर नहीं मांग सकता है.
4– सीबीएसई, नीट और यूजीसी की परीक्षाओं के लिए भी आधार जरूरी नहीं.
5– सीबीएसई, बोर्ड एग्जाम में शामिल होने के लिए छात्रों से आधार की मांग नहीं की जा सकती है.
6- 14 साल से कम उम्र के बच्चों के पास आधार नहीं होने पर भी उसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली जरूरी सेवाओं से वंचित नही किया जा सकता है.
7– ई-कॉमर्स फर्म, प्राइवेट बैंक और इस तरह के अन्य संस्थान आधार की मांग नहीं कर सकते हैं.
आधार पर अपने फैसले के दौरान कोर्ट ने कुछ और भी महत्वपूर्ण बातें कही, जिसे जानना जरूरी है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा-
- आधार आम लोगों के हित के लिए काम करता है और इससे समाज में हाशिये पर बैठे लोगों को फायदा होगा.
- आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है. इसके डुप्लिकेट होने का कोई खतरा नहीं. आधार एकदम सुरक्षित है.
- लोकसभा में आधार बिल को वित्त विधेयक के तौर पर पास करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया.
- सुप्रीम कोर्ट ने आधार ऐक्ट की धारा 57 को रद्द करते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं.
- आधार डेटा को 6 महीने से ज्यादा डेटा स्टोर नहीं किया जा सकता है. 5 साल तक डेटा रखना बैड इन लॉ है. Read
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