महिला खिलाड़ियों से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा सांसद और ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय हो गया है। दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में बृज भूषण पर 354, 354A, 354D और 506 (I) धाराएंDij लगाई है। लेकिन इस पूरे मामले में खिलाड़ियों के लिए चिंता की बात यह है कि अगर बृजभूषण सिंह को जेल हो भी जाती है तो बेल मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील डीके गर्ग का कहना है कि बृजभूषण पर लगी धाराएं ऐसी हैं, जिसमें बेल हो सकती है। और अगर बृज भूषण दोषी भी पाए जाते हैं तो ज्यादा सजा नहीं होगी।
बृजभूषण पर लगी धाराओं के मायने क्या हैं, उसे भी समझिए। धारा 354 यानी किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से उसपर हमला, एक अन्य धारा 354 ए भी यौन उत्पीड़न से संबंधित धारा है। अन्य धाराओं में भी किसी महिला को गलत तरीके से छूने और जबरन अश्लील सामग्री दिखाने, पीछा करने,धमकाने जैसे अपराध हैं। इस सभी धाराओं में दोषी पाए जाने पर एक साल से लेकर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद पहलवान अभी खुल कर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया पर दिये उनके बयान से साफ है कि वो इस रिपोर्ट से बहुत खुश नहीं हैं। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि हम पहले देखेंगे कि जो वादे किए गए थे वो पूरे होते हैं या नहीं उसके बाद हम अगला कदम उठाएंगे। हम इंतजार कर रहे हैं। जबकि विनेश फोगाट ने एक ट्विट को रि-ट्विट किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी कह रहे हैं कि बेटियों के साथ गलत करने वालों को फांसी पर लटकाया जाएगा।
साफ है कि पहलवान अभी कुछ भी बोलने से पहले सभी बातों को समझ लेना चाहते हैं। साथ ही वो अदालत की सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने दो अलग-अलग अदालतों में चार्जशीट दाखिल की है। 22 जून को चार्जशीट पर सुनवाई करेगी। जबकि पॉक्सो लगेगा या नहीं, इस पर 4 जुलाई को सुनवाई होगी। हालांकि खिलाड़ियों ने साफ किया है कि आंदोलन को अस्थायी रूप से रोका गया है और जरुरी हुआ तो आंदोलन फिर से शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इंसाफ नहीं मिलने पर वे एशियाई खेलों के ट्रायल में भाग नहीं लेंगे
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