पटना। बिहार में बदलते सियासी घटनाक्रम में आने वाले दिनों में बड़ा राजनैतिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है. राज्यसभा सांसद अली अनवर को पार्टी से निकालने के बाद शरद यादव को राज्यसभा में जद यू के नेता पद से हटा दिया गया है. वहीं अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों की नब्ज टटोलने के बाद दिल्ली लौटकर शरद यादव बड़ा फैसला कर सकते हैं.
जिस तरह से नीतीश कुमार और शरद यादव आमने-सामने आ गए हैं, उसमें अभी शरद यादव खेमे की कोशिश नीतीश कुमार और भाजपा गठबंधन की सरकार को गिराने की है. शरद खेमे के सूत्रों की माने तो यह खेमा बिहार में वापस लालू यादव और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की रणनीति पर काम भी करने लगा है. बिहार में राजद और कांग्रेस पार्टी को मिलाकर देखें तो यह बहुत मुश्किल भी नहीं दिख रहा है.
भाजपा के समर्थन से सरकार बनाते हुए नीतीश कुमार ने 131 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा था. विश्वास मत के दौरान नीतीश के पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 वोट पड़ें थे. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत है. ऐसे में विपक्षी खेमा जिसमें लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी है, उसमें अगर शरद यादव खेमे से 14 से 15 विधायक आ जाते हैं तो एक बार फिर बिहार का राजनैतिक परिदृश्य बदल सकता है.
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एक बार बिहार विधानसभा में दलों की स्थिति पर नजर डालें तो यह मुश्किल नहीं लगता.
बिहार विधानसभा में दलों की स्थिति इस प्रकार है.
कांग्रेस- 27
भाजपा- 53
जनता दल (यू)- 71
राष्ट्रीय जनता दल- 80
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- 2
लोक जन शक्ति पार्टी- 2
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट)(लिबरेशन)- 3
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)- 1
निर्दलीय- 4
हालांकि सारा दारोमदार शरद यादव पर है. यह देखना होगा कि शरद यादव के साथ जनता दल के कितने विधायक खड़े होते हैं. बिहार के इस पूरे राजनैतिक परिदृश्य में कम्यूनिस्ट पार्टी के 3 और 4 निर्दलीय विधायकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।
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