पटना। 27 अगस्त यानि कल शरद यादव और नीतीश कुमार का 14 साल पुराना रिश्ता टूट सकता है. बिहार की हालिया राजनैतिक घटना के बाद दोनों की राह अलग हो चुकी है, हालांकि शरद यादव अभी भी जदयू के सदस्य हैं. लेकिन संभव है कि लालू प्रसाद यादव की रैली में शामिल होने के बाद उनकी सदस्यता खत्म हो जाए.
जदयू के नीतीश खेमे ने शरद यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की विधिवत तैयारी भी कर ली है. लालू की रैली में जाने को तैयार दिख रहे शरद यादव को पार्टी के महासचिव के.सी त्यागी ने चिट्ठी लिखी है. इसमें त्यागी ने शरद यादव को 27 अगस्त को लालू यादव की रैली में शामिल होने से मना किया है.
पत्र में यह भी कहा गया था कि यदि वह इसमें शामिल होते हैं तो वह ”पार्टी के सिद्धांतों” के खिलाफ काम करेंगे. नीतीश ने अपने महासचिव त्यागी द्वारा यादव को भेजे एक राजनीतिक संदेश में कहा है कि लालू यादव की रैली में शामिल होने का मतलब यह होगा कि वह स्वेच्छा से पार्टी छोड़ रहे हैं.
हालांकि शरद यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह राजद की रैली में शामिल होंगे और शनिवार को पटना के लिए रवाना होंगे.
शरद यादव के पार्टी से अलग होने के बाद उनकी राज्यसभा सदस्यता भी जा सकती है. जदयू सूत्रों के मुताबिक जदयू इसके लिए जरूरी कार्रवाई करने को तैयार है.

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