नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में यूं तो 51 सीटों पर ही मुकाबला है लेकिन दिल्ली की कुर्सी की जंग के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण चरण है. बीजेपी के लिए यह चरण तो काफी अहम है. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने इन 51 सीटों में से 40 पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेेस को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में बीजेपी के लिए यहां काफी कुछ दांव पर लगा है.
पांचवें चरण में यूपी की 14, पश्चिम बंगाल की 7, बिहार की 5, झारखंड की 4 और जम्मू-कश्मीर की दो सीट पर वोट डाले जा रहे हैं. इसके अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश की भी सीटों पर मतदान हो रहा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों ही जगह विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई थी, ऐसे यहां बीजेपी के लिए आर या पार की लड़ाई है. इन सीटों में ज्यादातर पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. पीएम मोदी के जबरदस्त प्रचार ने इन सीटों पर मुकाबला रोचक बना दिया है.
पांचवें चरण में राजस्थान की 25 में से 12 सीटों और मध्य प्रदेश की 29 में से 7 सीटों पर चुनाव हो रहा है. 2014 में जहां राजस्थान में बीजेपी ने सारी सीटें जीती थीं तो वहीं मध्य प्रदेश में मात्र 2 सीटों पर चूक गई थी. पांचवें चरण के चुनाव के साथ राजस्थान की सभी सीटों पर मतदान हो जाएगा, जबकि मध्य प्रदेश में एक राउंड और होगा.
इसके अलावा पूर्वी यूपी की कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर पांचवें, छठें और सातवें चरण की लड़ाई यह तय करेगी कि एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी की जीत का पहिया रोकती है या फिर पीएम नरेंद्र मोदी का हिंदुत्व प्लस विकास का दांव भारी पड़ता है. इस चरण में सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी में भी मतदान हो रहा है. एसपी-बीएसपी ने इन दोनों सीटों पर कांग्रेस को समर्थन दिया है. आइए एक नजर डालते हैं, अलग-अलग राज्यों के चुनावी समीकरण पर-
पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में अवध क्षेत्र में मतदान हो रहे हैं जहां बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई की बड़ी तस्वीर सामने है. 14 सीटों में बीजेपी ने 2014 में 12 सीटें जीती थीं. सिर्फ रायबरेली और अमेठी में ही बीजेपी चूक गई थी. वहीं 2009 में कांग्रेस ने 14 सीटों में से 7 सीटें जीती थीं.
इस बार कांग्रेस न सिर्फ दो सीटों पर बल्कि धौरहरा, बारांबकी, फैजाबाद और सीतापुर में भी बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. अमेठी में राहुल गांधी और स्मृति इरानी एक बार फिर आमने-सामने हैं तो रायबरेली में सोनिया के सहयोगी रह चुके दिनेश सिंह उनके खिलाफ बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.
लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला गठबंधन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा से है. वहीं रिजर्व सीट मोहनलालगंज में बीजेपी के मौजूदा सांसद कौशल किशोर के सामने गठबंधन से सीएल वर्मा और कांग्रेस से आरके चौधरी हैं. फैजाबाद में बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, गठबंधन के प्रत्याशी आनंद सेन और कांग्रेस के निर्मल खत्री के बीच मुकाबला है. इसके अलावा नेपाल सीमा के पास स्थित धौरहरा सीट पर कांग्रेस के जितिन प्रसाद और बीजेपी की रेखा वर्मा के बीच दिलचस्प मुकाबला है.
इस चरण में एमपी और राजस्थान में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी दोनों हिंदी पट्टी के राज्यों में हार गई थी और कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी लेकिन बीजेपी राष्ट्रीय चुनाव अच्छा प्रदर्शन करने के लिए भारी दांव लगा रही है. दूसरी ओर, चार महीने पहले ही बनी सरकार के बावजूद कांग्रेस को यहां चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
राजस्थान में पूर्वी हिस्से में सभी 12 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं जिसे डेप्युटी सीएम सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है. यहां गुर्जरों की आबादी बहुल हैं जो सचिन पायलट को सीएम न बनाए जाने के चलते कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं. हालांकि सचिन चाहते हैं कि वे एकजुट रहें ताकि उनके वोटों का बंटवारा न हो.
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