भारत के बौद्धों की स्थिति पर जारी इस उत्साहजनक रिपोर्ट को पढ़िए

buddhism

भारत में बौद्ध धर्म तेजी से बढ़ रहा है, ना सिर्फ बढ़ रहा है बल्कि इस धर्म को मानने वाले लोगों का विकास भी तेजी से हो रहा है. वह आगे बढ़ने में तमाम वर्ग और धर्म के लोगों को पीछे छोड़ रहे हैं. हाल ही में आई इंडिया स्पैंड की रिपोर्ट बताती है कि अन्य धर्मों के मुकाबले बौद्धों का विकास तेजी से हो रहा है.

इस रिपोर्ट से जुड़ा दूसरा सच यह भी है कि भारत में बौद्ध धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग दलित हैं. इस धर्म में आने से पहले उनकी शिक्षा दर और विकास दर बहुत धीमी थी, लेकिन बौद्ध धर्म में आते ही उनके हालत में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ है. खास कर नवबौद्धों के शिक्षादर में विशेष रूप से बढ़ोतरी हुई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 84 लाख बौद्ध में 87 प्रतिशत दूसरे धर्म से परिवर्तित लोग हैं. इनमें से भी अधिकतर दलित समाज से आने वाले लोग हैं. आंकड़ों के अनुसार ऐसे बौद्धों की लैंगिक समानता और शिक्षा की दर देश के बाकी दलितों से काफी बेहतर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में शिक्षा के मामले में बौद्ध समाज 81.29 प्रतिशत, हिंदू 73.27 प्रतिशत, एससी 66.07 प्रतिशत है. अगर इसको राष्ट्रीय औसत के तौर पर देखें तो यह 72.98 प्रतिशत है. इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि बौद्धों का शिक्षा स्तर अन्य धर्मों से ऊपर है.

रिपोर्ट में महिलाओं की हालत सुधरने की बात भी कही गई है. बौद्ध धर्म में महिलाओं को जितना सम्मान और बराबरी का दर्जा मिलता है, शायद यही वजह है कि बौद्ध धर्म में लिंगानुपात का स्तर भी अन्य सभी धर्मों से बेहतर है. बौद्ध धर्म में प्रति एक हजार पुरूष पर 965 महिलाएं हैं. अगर राष्ट्रीय स्तर पर इसका औसत निकाला जाए तो प्रति हजार पुरूष पर 943 महिलाएं हैं. छोटे परिवार में यकीन करने में भी बौद्ध धर्म के लोग सबसे आगे हैं. इस धर्म में 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों का राष्ट्रीय औसत 13.59 प्रतिशत के विपरीत बौद्ध समुदाय में बच्चों की दर 11.62 प्रतिशत है.

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  1. News from all over India get through Dalit Dastak especially down troden people. Thanks Dalit Dastak.

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