नई दिल्ली। बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले में 34 लड़कियों के साथ दरिंदगी का मामला अभी ठंड़ा भी नहीं पड़ा कि ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से भी सामने आया है. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने एक शेल्टर होम में छापा मार कर 24 लड़कियों को मुक्त कराया है. सूचना के मुताबिक इस शेल्टर होम को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था.
सोमवार की सुबह देवरिया के डीएम और एसपी पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित मां विंध्यवासिनी नामक शेल्टर होम पर छापे की कार्रवाई की. इस दौरान वहां 24 लड़किया मौजूद पाई गई. जिन्हें वहां से रेस्क्यू किया गया. बालिका गृह में रहने वाली सभी लड़कियां अलग अलग जिलों की रहने वाली हैं. पुलिस सभी से जानकारी ले रही है. अधिकारियों के मुताबिक देवरिया में यह शेल्टर होम अवैध तौर पर चलाया जा रहा था, जिसमें दो दर्जन लड़कियों को रखा गया था.
इस बालिका गृह के बारे में प्रशासन को पहले से ही जानकारी मिल गई थी. लेकिन कार्रवाई अब की गई. इसके बाद डीएम का तबादला कर दिया गया है. ऐसा तब है जब इस शेल्टर होम की मान्यता साल 2017 में ही निरस्त कर दी गई थी. यह भी पता चला है कि यहां से कई और लड़कियां लापता भी हैं. मामला सामने आने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. बसपा प्रमुख मायावती ने एक बयान जारी कर घटना की निंदा की है.
मीडिया को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि-“बिहार की तरह ही उत्तर प्रदेश में देवरिया के नारी संरक्षण गृह में महिलाओं के शोषण व जबरदस्ती देह व्यापार का घिनौना काण्ड यह साबित करता है कि बीजेपी की सरकारों में कितनी ज्यादा अराजकता है. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार में महिलाओं की असुरक्षा को देश के लिए चिंता और शर्म की बात बताई. उन्होंने मांग किया है कि घटना की लीपापोती न कर के इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए.”
Read it also-मुजफ्फरपुर कांड: पांच साल में 34 लड़कियों के साथ हुआ था रेप
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dast

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।
आज जो अल्पसंख्यक है वो हर जगह बहुसंख्यक की तरह नज़र आते हैं꫰