लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मंत्री बनने के बाद से राज्य की नीति-नियमों में अचंभित करने वाले बदलाव हो रहे हैं. योगी सरकार ऐसी नीति और कानून बना रही है जोकि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय को रास नहीं आ रहा है.
एक बार फिर योगी राज में ऐसी अचंभित करने वाली नीति बनाई गई है और यूपी में मदरसो को आदेश दिया गया है कि इस बार भारतीय झंडा फहराने के साथ-साथ उसकी फोटो ग्राफी और वीडियोग्राफी भी अनिवार्य रूप से करना है.
दरअसल यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया है. इसके साथ-साथ अनिवार्य रूप से कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग करने को भी कहा गया है. स्वतंत्रता दिवस पर इस तरह के निर्देश पहली बार जारी किए गए हैं.
इस आदेश के बाद से विवाद खड़ा हो गया. मदरसों का कहना है कि इस तरह के आदेश जारी करने का सीधा मतलब यह है कि उनकी देशभक्ति पर शक किया जा रहा है. यूपी के मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से 3 अगस्त को लिखे गए पत्र में सभी मदरसों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर ऐसे आयोजन सुनिश्चित कराएं और कार्यक्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की जाए. पत्र में कहा गया है कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का इस्तेमाल भविष्य में प्रोत्साहन के लिए किया जाएगा.
योगी सरकार में मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से जारी इस निर्देश को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कई मौलानाओं का कहना है कि यह मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और सरकार उनकी देशभक्ति पर शक कर रही है. उनका कहना है कि उन्हें अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का निर्देश फिर भी समझ में आता है, लेकिन उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश देना, राजनीति के सिवा और कुछ नहीं.

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