नई दिल्ली। ‘सामाजिक उत्थान पत्रिका’ के 25 साल पूरे हो गए. इस उपलक्ष्य में ‘दलित लेखक संघ’ ने 25 जुलाई को रजत जयंती समारोह का आयोजन किया. यह समारोह दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित हुआ.
समारोह में इस पत्रिका के संपादक नेतराम ठगेला को शाल, सम्मान-पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. समारोह की अध्यक्षता कर्मशील भारती ने किया. उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में पत्रिका के संपादक नेतराम ठगेला को बधाई देते हुए कहा कि इतनी व्यवस्थाएं रखते हुए कोई पत्र निकलना अपने आप में चुनौतीपूर्ण कार्य है.
वहीँ समारोह का संचालन कर रहे हीरालाल राजस्थानी ने शुरूआती भूमिका बनाते हुए कहा कि यह पत्रिका संत दुर्बलनाथ के विचारों से शुरू होकर डॉ. अम्बेडकर के सिद्धांतों का एक अनोखा सफर तय करती आई है. जिसने एक दलित उपजाति (खटीक) को अम्बेडकर की विचारधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य कर दिखाया है.
मुख्य अतिथि के तौर हीरालाल बड़सीवाल ने भी पत्रिका के 25 वर्ष पूरे होने पर संपादक की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज को जागरूक करने का बहुत सशक्त माध्यम है. वहीँ अशोक कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण अविश्मरणीय रहेगा साथ ही नेतराम जी का एकल प्रयास भी सराहना के काबिल है.
मुख्य वक्ता के तौर पर शील बोधि ने डॉ. अम्बेडकर के अथक प्रयासों को याद करते हुए समाज में एक समाचार पत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. कार्यक्रम के शुरू में पूनम तुषामड़ ने संविधान की प्रस्तावना पड़ते हुए ‘दलित लेखक संघ’ के इतिहास पर भी एक नज़र डाली. अंजलि ने इस अवसर पर आलेख पाठ पढ़ा. मुकेश मिरोथा ने सम्मान पत्र का वचन किया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन हरपाल भारती ने किया.
बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर को समर्पित एक गीत भी श्रवण बेखबर द्वारा रचित गीत भी गया गया. विशेष उपस्थिति में बलविंद्र बलि, निरोतीलाल महामना, प्रेम चौहान, अनुरुद्ध, संजीव कौशल, नरेश राम, सुनीता, कुलीना, श्री सुधीर, दलित दस्तक के संपादक अशोक दास, जय सिंह आर्य, मामचंद रिवाडिया, रामसिंह दिनकर, सलमान, आर. पी. सिंह आदि मौजूद रहे.

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