NCERT की किताबों में बहुजनों का इतिहास मिटाने की कोशिश, हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता

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लगता है सरकार और NCERT भारतीय इतिहास से हड़प्पा सभ्यता, जाति के सवाल, डॉ. आबंडकर के साथ हुए जातीय भेदभाव, सम्राट अशोक, सांची स्तूप, अजंता की गुफाओं आदि को मिटा देना चाहती है। और उसकी जगह अपना एजेंडा थोपना चाहती है। NCERT ने छठवीं क्लास के लिए सामाजिक विज्ञान की जो किताब छापी है, उसे देख कर तो यही लगता है। इस किताब में कई बदलाव किए गए हैं, जो सरकार और NCERT की मंशा पर सवाल उठाने वाले हैं।

दरअसल, अब स्कूलों में छठवीं क्लास के विद्यार्थी हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता को पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT ने छठवीं क्लास के सामाजिक विज्ञान की किताब को कुछ बदलावों के साथ तैयार किया है। इस पाठ्यक्रम के सामने आने के बाद सवाल उठने लगे हैं।

नई किताब में हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता शब्द का जिक्र किया गया है। वहीं नई किताब में जाति शब्द का सिर्फ एक बार जिक्र है। जाति आधारित भेदभाव और असमानता का भी जिक्र नहीं है। यहां तक की भारत रत्न संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े जाति आधारित भेदभाव के सेक्शन को भी हटा दिया गया है।

यह पुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के तहत तैयार की गई पहली सामाजिक विज्ञान की पुस्तक है, जिसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। बता दें कि पहले सामाजिक विज्ञान के लिए इतिहास, भूगोल और राजनीतिक विज्ञान की अलग-अलग पाठ्य पुस्तकें थीं। लेकिन अब सामाजिक विज्ञान के लिए एक ही पाठ्य पुस्तक है, जिसे पांच खंडों में बांट दिया गया है।

लेकिन इस पुस्तक में जिस तरह भारतीय इतिहास में कई दशकों से दर्ज घटनाओं, व्यक्तियों और स्थानों को बदलने को लेकर जो फैसले किए गए हैं, वो गंभीर सवाल खड़ा करता है। जैसे कि नई पुस्तक में अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य के राज्यों से संबंधित पाठों और चाणक्य और उनके अर्थशास्त्र को भी जगह नहीं दी गई है। लौह स्तंभ, सांची स्तूप और अजंता की गुफाओं के चित्रों का जिक्र भी पुस्तक में नहीं है। फिलहाल संसद का सत्र चल रहा है, देखना है कि इस मामले को लेकर कोई सांसद संसद में आवाज उठाता है या फिर देश शोषित वर्ग से संबंधित इतिहास को बदलते हुए देखता रहेगा? और नेताओं से इतर यह मामला समाज का है, देखना होगा अंबेडकरी समाज इसको लेकर क्या खामोश रहता है, या फिर विरोध की आवाज उठाता है।

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