नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र कल बुधवार से शुरू होने जा रहा है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों के साथ बैठक की और सदन चलाने के लिए उनका सहयोग मांगा. इस सत्र के दौरान सरकार के सामने उन तमाम बिलों को पारित करने की चुनौती होगी जो वो पिछले चार साल के अपने सरकार में लाई है. ऐसे बिलों की संख्या तकरीबन 40 हैं जो अटके हुए हैं. इसमें से 12 बिल बहुमत वाले सदन लोकसभा में पारित करा लिए हैं लेकिन राज्यसभा में अबतक यह अटके ही हुए हैं.
लंबित बिलों की बात करें तो मोदी सरकार की ओर से लाए गए लोकपाल, भूमि अधिग्रहण, व्हिसल ब्लोअर संरक्षण, ट्रांसजेंडर के अधिकार, तीन तलाक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी, नदी विवाद से जुड़े बिल लंबित हैं. इनमें से सरकार तीन तलाक और भूमि अधिग्रहण बिल को प्रमुखता से पारित कराने की कोशिश में जुटी है. मुस्लिम महिलाओं से जुड़े इस बिल पर देशभर में सियासी संग्राम भी छिड़ा हुआ है.
इन बिलों को पारित करवाना सरकार के लिए चुनौती है. क्योंकि लोकसभा में बिल पारित होने के बाद वह राज्यसभा में सरकार का बहुमत नहीं होने से अटक जाते हैं. हालांकि अब चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने से संसद का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं. पिछले दिनों पूरा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था साथ ही कामकाज के लिहाज से 16वीं लोकसभा का रिकॉर्ड काफी खराब ही रहा है.
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राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।