बहुजन समाज हमेशा से देशभक्त रहा है, बहुजनों को देशभक्ति के लिए किसी भी राजनैतिक पार्टी से सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं है, बहुजनों के ख़ून में देशभक्ति भरी पड़ी है वह हमेशा से कुर्बानी देता आया है. अपने कार्य को पूरी ईमानदारी, लगन से करता है. पुलवामा की घटना सरकार की घोर नाकामी है इस दुःखद समय पूरा समाज सरकार के साथ है.
सच तो यह है कि पूरा विपक्ष इस मामले में सरकार के साथ है, सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान को करारा तमाचा मारा जाए… सरकार क्यों कोई ठोस कदम नहीं उठा रही. याद रहें शहीदों में एक मुस्लिम समाज का युवक भी है, लोगों ने संकट के दौर में अपनी जाति- धर्म- राजनैतिक विचारधारा को दरकिनार कर सरकार का साथ देने का प्रण किया है लेकिन दुःखद है देश की सत्ताधारी पार्टी ने इसे अपने राजनैतिक महत्वाकांक्षा की फसल समझ लिया है.
हां, हम भी भाजपा की विचारधारा व कार्यशैली से सहमत नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं कि हम इस मामले में भारत सरकार के खिलाफ हैं. गुजरात में शहीदों की श्रद्धांजलि सभा व कैंडल मार्च में भाजपाई नमो टी-शर्ट पहने नज़र आये. वहीं कई भाजपाई नेताओं ने इस दुःखद समय में भी राजनैतिक फायदा उठाने के लिए अपनी तरफ़ से कोई कसर नहीं छोड़ी.
यह लोकतंत्र है. सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन हमेशा देश पहले हैं. देश है तो हम सब हैं. हां, देश के जवानों की सुरक्षा व्यवस्था में जबरदस्त चूक हुई है, सरकार इस बात को स्वीकार करें और इस मामले को चुनावी मुद्दा न बनाये. सरकार को कोई पाकिस्तान या जो भी दोषी हो, उसपर कार्यवाही करने से मना नहीं कर रहा बल्कि सभी सरकार के साथ हैं.
इस दुःखद समय में भी सत्ता पक्ष के नेता- मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री चुनावी सभा कर रहें हैं कहीं चाट पार्टी कर रहें हैं तो कहीं पिंकिया के पापा लुंगी डांस कर रहें हैं. वह यह भूल गए कि वो जनप्रतिनिधि हैं और देश इस मामले में उन्हें कठघरे में खड़ा करेगा.
अशोक बौद्ध
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अशोक भाई विशुद्ध देशभक्ति से ओतप्रोत लेखक हैं आप