उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुधवार को घोषित नई मेट्रो रेल नीति को लेकर उन पर निशाना साधा है. मायावती ने इस मेट्रो रेल नीति जनविरोधी ठहराते हुए पीएम मोदी की तीखी आलोचना की. मायावती ने कहा कि इस नीति से उत्तर प्रदेश में खासकर कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद आदि में मेट्रो रेल की स्थापना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव हो गयी है. और लखनऊ में मेट्रो के संपूर्ण विस्तार पर भी संकट के बादल छा गए हैं. असल में नई मेट्रो रेल नीति में केंद्र सहयोग नहीं करेगी, साथ ही अब मेट्रो निर्माण में निजी क्षेत्र की भागेदारी को ज़रूरी कर दिया गया है.
पूर्व राज्यसभा सांसद ने आशंका जताई कि केंद्र सरकार के इस कदम से मेट्रो का विकास रुक जाएगा क्योंकि पूंजीपति वर्ग कम मुनाफे वाली परियोजनाओं में हाथ नहीं डालता है. मीडिया को जा़री प्रेस विज्ञप्ति में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसानों की कर्ज़माफी व सभी लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली ऋण माफ नहीं करके केवल एक लाख रुपये तक के हीं फसल ऋण माफ करने को ‘हर कदम किसानों के साथ विश्वासघात’ की संज्ञा दी. कुमारी मायावती ने कहा कि ऐसा करना भाजपा के शीर्ष नेताओं की चुनावी घोषणाओं व उस समय जा़री पार्टी के मेनीफेस्टो का ही उपहास है. मायावती ने इसे भाजपा सरकार की एक और जबर्दस्त चुनावी वादाखिलाफी कहा.

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