नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कस चुकी पार्टियां अब रैलियों का कार्यक्रम बनाने में जुट गई हैं. उत्तर प्रदेश में ढाई दशक के बाद एक फिर साथ आए बसपा और सपा में भी रैलियों को लेकर कार्यक्रम लगभग तय है. खबर है कि दोनों पार्टी के प्रमुख यानि की अखिलेश यादव और मायावती साझा रैली करने पर सहमत हो गए हैं. बुधवार 13 मार्च को बहनजी और अखिलेश यादव की बैठक में इस बात की चर्चा होने की भी खबर है.
खबर है कि दोनों नेता जल्दी ही साझा रैली के लिए मैदान में होंगे. इस अभियान की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होगी. दोनों नेताओं के बीच तय हुआ है कि जमीन पर अपने कैडर को संकेत देने के लिए दोनों साथ में रैलियां करेंगे. अभी तक प्रेस कांफ्रेंस के अलावा दोनों नेता मंच पर साथ नहीं दिखे हैं. इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में अभी सरगर्मी नहीं दिख रही है. ऐसे में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए दोंनों शीर्ष नेताओं ने यह फैसला किया है. साझा रैली होने की स्थिति में 1993 के बाद फिर से इतिहास दोहराया जाएगा. इससे पहले कांशीराम और मुलायम सिंह यादव ने साथ में रैलियां की थीं.
रैलियों के कार्यक्रम को लेकर जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक सात चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में दोनों नेता हर चरण दो-दो साझा रैलियां करेंगे. यानि कुल 14 साझा रैलियां देखने को मिल सकती हैं. हालांकि हर दौर के चुनाव के बाद स्थिति की समीक्षा होगी और जरूरत पड़ने पर जरूरत के मुताबिक और ज्यादा साझा रैलियों को लेकर सहमति बन सकती है.
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राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।