नई दिल्ली। अलवर में पति के सामने महिला से गैंगरेप की शर्मनाक वारदात का मुद्दा देश भर में छाया हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम में जिस तरह महिला को चोट पहुंचाई गई और इस घटना को लेकर राजस्थान पुलिस का रवैया जिस तरह असंवेदनशील रहा उससे दलित समाज और न्याय पसंद लोगों में काफी गुस्सा है. तो दूसरी ओर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बसपा प्रमुख मायावती आपस में भिड़ गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित युवती के साथ हुई इस घटना का जिक्र करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती को राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की चुनौती दे डाली। 12 मई को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने मायावती पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘एक दलित की बेटी के साथ राजस्थान के अलवर में गैंगरेप हुआ लेकिन उनपर राजनीति करने वाली बहनजी चुप हैं. अगर वास्तव में देश की बेटियों के प्रति आप ईमानदार हैं तो आज ही तत्काल प्रभाव से राजस्थान में कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस लीजिए.’
पीएम मोदी के इस बयान से भड़की बहनजी ने मोदी को करारा जवाब दिया है. समर्थन वापस लेने वाले बयान को बसपा प्रमुख ने घृणित कांड की आड़ में घृणित राजनीतिक करने का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा कि “बीएसपी राजस्थान में उचित और सख्त कार्रवाई न होने पर राजनीतिक फैसला जरूर लेगी साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के ऊना और रोहित वेमुला जैसे कांड के बाद भी अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं देते हैं.?”
बता दें कि राजस्थान के अलवर में दलित महिला के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है, जिसकी चर्चा पूरे देश में है. मायावती खुद इस केस में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर देरी से कार्रवाई करने का आरोप लगा चुकी हैं.