बसपा पर अक्सर विपक्षी पार्टियां जाति की राजनीति का आरोप लगाती हैं। दरअसल ये वो दल हैं जो खुद जाति और धर्म की राजनीति में गहरे तक डूबे हुए हैं। हालांकि बसपा के शासनकाल में पूरे प्रदेश के लोगों के लिए विकास के जो काम हुए उसने बसपा, उसके प्रमुख नेताओं और उनकी विकास की सोच को जिस तरह देश भर में स्थापित किया, उसने बसपा की राजनीति को नई पहचान दी। बात चाहे यमुना एक्सप्रेस वे की हो, फार्मूला वन रेसकोर्स बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट की या फिर एक शानदार शहर ग्रेटर नोएडा बसाने की, यह काम मायावती के नेतृत्व में बसपा की सरकार ने ही किया।
2012 में बसपा सरकार जाने के बाद भी बसपा शासनकाल में बनी तमाम योजनाओं को बाद की सरकारों ने अपना नाम देकर काम किया और उसका श्रेय भी खुद लिया। बसपा के बाद आई सपा और फिर भाजपा सरकार के इसी रवैये पर बहनजी ने हाल ही में दोनों दलों और इसके नेताओं को आड़े हाथों लिया है।
बहन मायावती ने 18 दिसंबर को एक के बाद एक तीन ट्विट कर सपा और भाजपा सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। बहनजी ने कहा, यूपी में खासकर गंगा एक्सप्रेस-वे हो या विकास के अन्य प्रोजेक्ट अथवा जेवर में बनने वाला नया एयरपोर्ट, जग-जाहिर है कि ये सभी बीएसपी की मेरी सरकार में ही तैयार किए गए विकास के वे प्रख्यात मॉडल हैं जिसको लेकर पहले सपा व अब वर्तमान बीजेपी सरकार अपनी पीठ आप थपथपाती रहती है।
1. यूपी में खासकर गंगा एक्सप्रेस-वे हो या विकास के अन्य प्रोजेक्ट अथवा जेवर में बनने वाला नया एयरपोर्ट, पूरे जग-जाहिर तौर पर ये सभी बीएसपी की मेरी सरकार में ही तैयार किए गए विकास के वे प्रख्यात माडल हैं जिसको लेकर पहले सपा व अब वर्तमान बीजेपी सरकार अपनी पीठ आप थपथपाती रहती है।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2020
अपने दूसरे ट्विट में बहनजी ने कहा, साथ ही मेट्रो एवं अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, कन्नौज सहित यूपी के प्रचीन व प्रमुख शहरों में बुनियादी जनसुविधाओं की नई स्कीमें व इनको रिकार्ड समय में पूरा करने का काम भी बीएसपी का ही विकास मॉडल है जो कानून द्वारा कानून के राज के साथ प्राथमिकता में रहा, जिससे सर्वसमाज को लाभ मिला।
बहनजी ने अपने तीसरे ट्विट में लिखा कि
इस प्रकार मेरी सरकार के सन 2012 में जाने के बाद यूपी में जो कुछ भी थोड़ा विकास संभव हुआ है वे अधिकांश बीएसपी की सोच के ही फल हैं। मेरी सरकार में ये काम और अधिक तेजी से होते अगर तब कांग्रेस की रही केन्द्र सरकार पर्यावरण आदि के नाम पर राजनीतिक स्वार्थ की अड़ंगेबाजी नहीं करती।
दरअसल भाजपा के विरोधी हों या फिर समर्थक, हर कोई बेहिचक बसपा शासनकाल में हुए कई कामों के लिए आज भी बहनजी को याद करता है। ऐसे में जब बसपा शासनकाल की योजनाओं को बाद की सरकारें बिना बसपा को क्रेडिट दिए उसका ढिंढ़ोरा पीटती हैं, तो बहनजी को गुस्सा आना स्वाभाविक है।
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