मायावती ने किया बड़ा फेर-बदल

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नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी में दिग्गज नेताओं को निकालने के साथ-साथ पार्टी को मजबूत करने के लिए भी पुरजोर काम चल रहा है. मायावती की रणनीति के अनुसार बसपा में बड़े फेर-बदल भी किए गए हैं. एक-दो दिन के भीतर ही इन राज्यों में पार्टी ने नए लोगों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ कमान सौंपी है तो वहीं बागी नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है.

इनको सौंपी गई जिम्मेदारी

आगामी चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी के नेता राजिक उस्मानी को पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बसपा संगठन की ओर से उन्हें गोंडा सदर विधानसभा क्षेत्र से प्रभारी बनाया गया है. जिला अध्यक्ष हरिश्चन्द्र गौतम की ओर से जारी सूचना के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर श्री उस्मानी को सदर विधानसभा सभा का प्रभारी बनाया गया है. संगठन की ओर से निर्देश दिये गये हैं कि श्री उस्मानी बसपा के प्रचार-प्रसार और संगठन को मजबूत करने के लिए क्षेत्र का नियमित दौरा और बैठक करें.

सूत्रों के मुताबिक श्री उस्मानी लोकसभा चुनाव में भी टिकट के दावेदार के रूप में चर्चा में है. प्रभारी बनाये जाने के बाद उन्होंने कहा कि वे शीर्ष नेतृत्व की अपेक्षाओं और निर्देशों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेगें.

उत्तर प्रदेश के झांसी मंडल में बसपा ने लापरवाही से काम करने और निष्क्रिय रहने वाले पदाधिकारियों के पदों में मंगलवार को बड़ा बदलाव करते हुए मंडल जोन प्रभारी रविकांत को पद से हटाकर पवन चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी के जिलाध्यक्ष रामबाबू चिरगाईयां ने बताया कि मंडल जोन इंचार्ज रविकांत मौर्य को उनके पद से हटा दिया गया है. उनके स्थान पर अब पवन चौधरी को झांसी मंडल जोन का इंचार्ज बनाया गया है.

इसके अलावा जयपाल अहिरवार जिला जोन इंचार्ज को पद से हटाकर उनके स्थान पर मुन्ना लाल अहिरवार (दरोगा) को जिला जोन इंचार्ज झांसी बनाया गया है. इसी क्रम में विधानसभा प्रभारी चन्द्रभान अहिरवार को हटाकर उनके स्थान पर मनोज अहिरवार को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इसके साथ ही संतराम अहिरवार भट्पुरा को मऊरानीपुर विधानसभा प्रभारी बनाया गया है.

बसपा विधायक बाहर

चंडीगढ़ में पिछले चार साल से सत्तारूढ़ भाजपा को समर्थन दे रहे बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक टेक चंद शर्मा को आखिरकार पार्टी ने मंगलवार को निष्कासित कर दिया है. टेक चंद फरीदाबाद जिले की पृथला विधानसभा सीट से बसपा के एकमात्र विधायक थे. इनेलो-बसपा गठबंधन के दौरान ही शर्मा को निलंबित कर दिया गया था, मगर उनके बसपा से निष्कासन का फैसला अब जाकर हुआ है. बसपा द्वारा निष्कासित कर दिए जाने के बावजूद टेक चंद शर्मा की विधानसभा सदस्यता पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा. विधानसभा में अब शर्मा को आजाद विधायक के तौर पर गिना जाएगा. विधानसभा में अब आजाद विधायक की संख्या बढ़कर छह हो जाएगी.

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