नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जालौन में बाबासाहेब की मूर्ति अनादर पर आक्रोशित होने वाली दलित जनता पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस रवैये को जातिवादी, राजनीतिक द्वेष, दलित-विरोधी व अन्यायपूर्ण नहीं तो और क्या कहा जायेगा?
बसपा सुप्रीमों ने गिरफ्तार लोगों की तुरन्त रिहाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील व संगीन अपराध करने वालों के खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिससे सिद्ध होता है कि इस मामले में सरकार की संलिप्तता है. जबकि असामाजिक व आपराधिक तत्वों द्वारा ऐसी घटना के कारण ही सहारनपुर का जातीय संघर्ष हुआ था, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार व जिला व पुलिस प्रशासन को इसकी कोई ख़ास चिंता नहीं है. मायावती ने आगे कहा कि अगर जिले के पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर जाकर स्थिति की गंभीरता से कार्रवाई करते तो यह मामला कभी भी इतना गंभीर रूप धारण नहीं करता. लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और उल्टे आन्दोलनकारियों पर ही कार्रवाई कर दी.
बीएचयू में हुए छात्राओं पर लाठीचार्ज पर बसपा अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि भाजपा सरकार के ग़लत रवैये के कारण बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय हिंसा, आगजनी और उपद्रव का शिकार हो रहा है. इस मामले में बीएचयू के कुलपति का रवैया भी छात्र-छात्राओं का हितैषी न होकर तानाशाही पूर्ण लगता है. उनके आपत्तिजनक बयानों ने आग में घी डालने का काम किया.
मायावती ने कहा कि बीएचयू के विद्यार्थी अपने सहयोगी छात्राओं के साथ छेड़खानी के मामले का विरोध कर रही थी, लेकिन कुलपति के भड़काऊ रवैये के कारण छात्रों का आन्दोलन तीव्र हुआ. बसपा कुलपति के छात्र-विरोधी रवैये और छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज दोनों की निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि छात्र-छात्राओं के साथ न्याय सुनिश्चित करे और साथ ही उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध करे.
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