नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने भीम आर्मी के बारे में ऐसा स्टेटमेंट दिया है, जिस पर बड़ी बहस छिड़ सकती है. संभव है कि उनके बयान से बसपा के समर्थकों को भी धक्का लगे. आज 25 मई को जारी एक बयान में बसपा प्रमुख ने भीम आर्मी को आरएसएस और भाजपा से जुड़ा हुआ संगठन बता दिया है. अपने बयान में बसपा प्रमुख ने कहा है कि ‘भीम आर्मी वास्तव में बीजेपी के संरक्षण में पलने वाला संगठन है. बीजी इस संगठन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है. इसलिए इसके नेताओं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.’ हालांकि मायावती ने भीम आर्मी का आर.एस.एस या भाजपा से संपर्क होने का कोई सबूत नहीं दिया.
बसपा प्रमुख के इस बयान के बाद देश भर से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. तमाम लोगों मायावती के इस कदम और बयान से हैरान हैं. बसपा प्रमुख ने अपनी विज्ञप्ति में भीम आर्मी पर बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती के दौरान लोगों से चंदा वसूलने का आरोप लगाया है. जबकि भीम आर्मी ने संत रविदास औऱ बाबासाहेब की मूर्ति की स्थापना और इनकी मूर्ति के अनादर और दलित समाज के लोगों पर जुल्म के खिलाफ अपना प्रदर्शन किया था.
बसपा के सहारनपुर यूनिट का संदर्भ लेते हुए मायावती ने कहा है कि सहारनपुर बसपा के लोगों का यह मानना है कि भीम आर्मी नाम का संगठन पूरे तौर पर बीजेपी का Product है और इसी संगठन के जरिए बीजेपी उत्तर प्रदेश में बसपा द्वारा सर्वसमाज में बनाए गए भाईचारे व सौहार्द को नफरत में बदलना चाहती है. हालांकि अपने तमाम आऱोपों के बारे में बहुजन समाज पार्टी या फिर उसकी मुखिया मायावती कोई प्रमाण नहीं दे पाई हैं.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।