बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. मायावती ने ट्वीट कर कहा, “उप्र के प्रतापगढ़ में दलित किसान की जलाकर कथित हत्या, डॉक्टरों की कल हड़ताल के दौरान लोहिया अस्पताल में उत्पात वास्तव में ज्यादती की उस श्रृंखला की ताजा कड़ी है जो लोकसभा चुनाव के बाद दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं.”
बसपा प्रमुख ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि ये घटनाएं अति-दुःखद और निन्दनीय हैं. उन्होंने सरकार से इस पर ध्यान देने की मांग की. मायावती ने एक अन्य ट्वीट में पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में कहा, “प. बंगाल सरकार झुकी और डॉक्टरों की एक दिन की अखिल भारतीय हड़ताल सोमवार की शाम को समाप्त हो गई. परन्तु इस दौरान दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित देश भर में करोड़ों मरीजों का जो बुरा हाल हुआ और अनेकों मासूम जानें गई, उनकी खबरों से आज के अखबार भरे पड़े हैं. लेकिन इन बेगुनाह लोगों की परवाह सरकार तथा कोई और क्यों करे?”
मायावती लोकसभा चुनाव के बाद से केंद्र सरकार पर अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए लगातार निशाना साध रही हैं. पिछले दिनों उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी को राष्ट्रीय समस्या करार देते हुए इसके लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. मायावती ने बेरोजगारी पर सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से ट्वीट कर कहा था कि ‘देश में बेरोजगारी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या है. सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि पिछले सालों में गांवों के युवाओं में बेरोजगारी की दर तीन गुना बढ़ गई है जो इस धारणा के विपरीत है कि शहरों की तुलना में गांवों में बेरोजगारी कम रहती है’. उन्होंने पूछा ‘क्या सरकारी नीतियां इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं?’
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