नई दिल्ली। ममता बनर्जी और भाजपा के बीच छिड़ा युद्ध चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस मामले में ममता बनर्जी का समर्थन किया है. ममता बनर्जी के समर्थन में बसपा प्रमुख मायावती भी सामने आ गई हैं और उन्होंने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को आड़े हाथों लिया है. आखिरी चरण के प्रचार पर एक दिन पहले ही बैन लगाने के चुनाव आयोग के फैसले का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख ने इस पर सवाल उठाया है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि आज बंगाल में पीएम मोदी की दो रैलियों के कारण प्रचार पर सुबह से बैन नहीं लगाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है. मायावती ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रचार पर गुरुवार रात 10 बजे से प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि प्रधानमंत्री की दिन के वक्त दो रैलियां हैं… अगर उन्हें प्रतिबंध लगाना ही था, तो आज सुबह से ही क्यों नहीं…? यह पक्षपातपूर्ण है, और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है…”
साथ ही मायावती ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP प्रमुख अमित शाह तथा उनके नेता (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं, योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है… यह बेहद खतरनाक और अन्यायपूर्ण ढर्रा है, जो देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता…’ मायावती ने अमित शाह और नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए दोनों को गुरु और चेला कह कर संबोधित किया. दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इसे ‘लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन’ कहा. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को रैलियों की इजाजत दी.
दरअसल भारत के चुनावी इतिहास में इस तरह की पहली कार्रवाई में चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार (Lok Sabha Election) गुरुवार को रात 10 बजे समाप्त करने का आदेश दिया है. निर्धारित समयानुसार प्रचार एक दिन बाद शुक्रवार शाम को समाप्त होना था. लेकिन आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह फैसला किया है.
Read it also-उत्तर प्रदेश में दलित दूल्हे को मंदिर जाने से रोका

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।