लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बनाए गए बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में वेस्ट यूपी में अखिलेश यादव ने मायावती को ज्यादा तरजीह दी है. पश्चिम यूपी की पांच रिजर्व सीटों में से चार पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों को गठबंधन का प्रत्याशी बनाने का निर्णय किया गया है. इसके अलावा एक रिजर्व सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी उतारने का निर्णय हुआ है. गुरुवार को सीटों के बंटवारे के बाद हुए निर्णय में नगीना सुरक्षित सीट के बीएसपी के खाते में आने से मायावती के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं.
गुरुवार को हुए समझौते के मुताबिक, वेस्ट यूपी के मेरठ मंडल में एसपी सिर्फ एक सीट गाजियाबाद पर चुनाव लड़ेगी. जबकि बीएसपी यहां मेरठ, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर लोकसभा तीन सीट पर उम्मीदवार उतारेगी. इसके अलावा बागपत की सीट आरएलडी के पास रहेगी. सहारनपुर मंडल में एसपी के पास सिर्फ कैराना सीट रहेगी. यह सीट एसपी ने आरएलडी से वापस ले ली है. कैराना की जगह मुजफ्फरनगर की सीट आरएलडी को दी गई है. इन सब के साथ सहारनपुर की सीट को बीएसपी के कोटे में डाला गया है.
*पश्चिम यूपी में सीटों के बंटवारे में माया को अखिलेश ने दी तरजीह
*पांच रिजर्व सीटों में से चार सीटों को बीएसपी के खाते में डालने का फैसला
*नगीना सीट पर बीएसपी ने किया दावा, मायावती खुद लड़ सकती हैं चुनाव
*सहारनपुर सीट पर भी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को उतारने का फैसला
दूसरी ओर मुरादाबाद मंडल में एसपी मुरादाबाद, रामपुर और संभल तो बीएसपी बिजनौर, नगीना अपने पास रखेंगी. दिलचस्प बात यह है कि वेस्ट यूपी की पांच रिजर्व सीटों में से चार नगीना, बुलंदशहर, आगरा और शाहजहांपुर बीएसपी के पास रहेगी. एक रिजर्व सीट हाथरस एसपी को मिली हैं.
सहारनपुर और मेरठ सीट बीएसपी को
दलित मुद्दे पर आंदोलन और हिंसा को लेकर चर्चा में रही सहारनपुर और मेरठ सीट बीएसपी के खाते में गई है. सहारनपुर सीट यूपी में योगी सरकार बनने के बाद वहां हुई हिंसा के बाद चर्चा में आई थी. इस हिंसा में दलित उत्पीड़न का आरोप लगाकर बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता तक से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद वह सहारनपुर पहुंच गई थीं. इस दौरान मायावती ने बीजेपी पर खुद की हत्या कराने तक की साजिश रचने का आरोप लगा दिया था. इस के साथ बीते साल दो अप्रैल को दलित आरक्षण को लेकर अदालत के आदेश पर संशोधन के खिलाफ भारत बंद के दौरान मेरठ और हापुड़ में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी. इस घटना के दौरान कई दलितों की गिरफ्तारी हुई थी. साथ ही हजारों दलितों के खिलाफ एफआईआर लिखी गई थी. इस पूरे मामले के बाद अब गठबंधन के फैसले में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट को बीएसपी को दिया गया है.
नगीना से माया के चुनाव में उतारने की अटकलें तेज
नगीना सीट शीट शेयरिंग के आंकड़े के मुताबिक एसपी के खाते में जानी चाहिए थी. 2014 में इस सीट पर एसपी दूसरे नंबर पर रही थी, लेकिन बीएसपी ने चर्चित गाजियाबाद सीट को छोड़कर नगीना की सीट को चुन लिया. माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में खुद मायावती इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. अब तक राज्यसभा की सांसद रहीं माया के सियासी जीवन में बिजनौर जिले का बड़ा योगदान है. मायावती ने पहली बार लोकसभा का चुनाव भी बिजनौर की सीट से ही जीता था, ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार नगीना सीट से मायावती लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगी. वहीं पार्टी के नेताओं का कहना है कि इस सीट पर मायावती को अपनी दावेदारी का फैसला खुद करना है.
Read it also-अब श्रीनगर आने-जाने के लिए अर्धसैनिक बलों के जवानों को मिलेगी हवाई सेवा

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।