लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में ’शिक्षामित्रों’ के साथ हो रही नाइंसाफी पर सहानुभूति व्यक्त की. उन्होंने मांग की कि यूपी सरकार शिक्षामित्रों के प्रति नरम, सकारात्मक और सहयोगपूर्ण रवैया अपनाए.
मायावती ने कहा कि शिक्षामित्रों जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं, का जीवन अधर में लटका है. वे लोग सड़क पर आ गए हैं जबकि उनका काम आने वाली पीढ़ी का जीवन सुधारने का है. वे लोग राज्य सरकार से न्याय और सहारा पाने के लिये लगातार आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन योगी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. शिक्षामित्रों का मासिक वेतन दस हजार रूपए तक सीमित कर शिक्षण कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
बसपा सुप्रीमों ने आगे कहा कि जब शिक्षामित्र न्यायसंगत नीति बना कर समस्या को हल करने की मांग के समर्थन में आंदोलन करते हैं तो योगी सरकार उन पर लाठियां बरसाती है, जोकि न्यायोचित नहीं है. बसपा शिक्षामित्रों पर हो रहे इस तरह के अत्याचार की निंदा करती है. उन्होंने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार को सकारात्मक रूख अपनाकर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे शिक्षामित्रों की नौकरी सही सलामत रहे और वे वापस शिक्षण के काम में जुट जाएं.
गौरतलब है कि शिक्षामित्र अपने मासिक वेतन की बढ़ोतरी और सुविधाओं के लिए योगी सरकार से गुहार लगा रहे है. लेकिन सरकार उनकी मांगों नहीं मान रही. पिछले सप्ताह शिक्षामित्रों ने लखनऊ विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया था.

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