लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत दी है कि बिना कोई संकीर्ण और आरएसएस के एजेंडे की राजनीति किए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार समय सीमा में ही तीन तलाक पर कानून बनाए.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत के फैसले से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से इस संबंध में छह महीने के भीतर कानून बनाने के लिये कहा है, जिसका समय से अनुपालन किया जाना चाहिये.
मायावती ने कहा कि यह अच्छा होता, यदि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खुद ही तीन तलाक के मामले में कार्यवाही करता. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इस बुराई की रोकथाम के लिये जितनी तत्परता से इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी वह नहीं की गई. इस कारण ही सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्द पर हस्तक्षेप करना पड़ा है. इस फैसले का सभी मुस्लिम महिलाओं के हित में स्वागत किया जाना चाहिए.
मायावती ने कहा कि देश में तीन तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है, उसका बसपा दिल से स्वागत करती है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।