नई दिल्ली। भाजपा की दलित महिला विधायक के मंदिर प्रवेश के बाद मंदिर को शुद्ध किए जाने के मामले पर अब बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जातिगत भेदभाव से जुड़े हालिया दो घटनाओं को मुद्दा बनाते हुए बसपा प्रमुख ने भाजपा पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश की भाजपा महिला विधायक मनीषा अनुरागी के मन्दिर प्रवेश पर उसे गंगाजल से धुलवाने और यूपी के इलाहाबाद में एक दलित महिला अफसर को पीने के लिए पानी नहीं देने के मामले को मायावती ने अमानवीय बताया है.
एक बयान जारी कर इन दोनों घटनाओं की निंदा करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी की सरकारों में इस प्रकार की जातिवादी व अमानवीय घटनाओं के साथ-साथ दलित व पिछड़े समाज में जन्में संतों व महापुरुषों की प्रतिमाओं को खण्डित व अपमानित करने जैसी घटनायें काफी ज्यादा बढ़ी हैं. इसके बावजूद भी बीजेपी सरकारों का रवैया इन मामलों को लेकर ज्यादातर उदासीन रहता है.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकारों की जातिवादी सोच व मानसिकता तथा ऐसे जातिवादी तत्वों के प्रश्रय देते रहने के कारण ही ऐसी घृणित, गै़र-इन्सानी घटनायें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. ऐसी घटनाएं बीजेपी की कथनी और करनी के अंतर को बेनकाब करती है.
दरअसल महिला विधायक का मामला सोमवार को उस वक्त चर्चा में आया, जब मंदिर के ‘शुद्धीकरण’ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बीजेपी विधायक मनीषा अनुरागी 12 जुलाई को यूपी के बुंदेलखंड इलाके के हमीरपुर जिले में एक स्कूल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंची थी, जब घटना घटी. अब यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले को मुद्दा बनाए जाने के बाद भाजपा सफाई देने लगी है.
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