लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हुए इंवेस्टर्स समिट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे फैशन करार देते हुए कहा कि इंवेस्टर्स समिट कराना फैशन हो गया है, जिसके नाम पर बीजेपी सरकारें सरकारी धन पानी की तरह बहाती हैं. जबकि जनता के इसी गाढ़ी कमाई के धन से ग़रीबों, किसानों व बेरोज़गार युवाओं को काफी राहत मिल सकती है औऱ जनता के हित व कल्याण के अनेक महत्त्वपूर्ण काम तत्काल किये जा सकते थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘इन्वेस्टर्स समिट’ महंगाई व बेरोज़गारी सहित सरकार की अन्य विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने का एक माध्यम है. साथ ही बीजेपी की सरकारों द्वारा यह खाओ-पकाओ का एक नया साधन भी बन गया लगता है. बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में अपराध-नियंत्रण व क़ानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी होगी तभी यहां उद्योग-धंधे आयेंगे.
बसपा प्रमुख ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के लिये निवेशकों को आमंत्रित करने से पहले क़ानून- व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करके उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का अच्छा वातावरण पैदा किया जाना चाहिए. चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार हो या यूपी में बीजेपी की सरकार इन पर जनता का अब भरोसा नहीं के बराबर ही रह गया है क्योंकि इनकी वादाखिलाफियों की सूची काफी लम्बी होती चली जा रही है.
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