नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना एक साल पूरा कर लिया है. योगी सरकार के एक साल पूरा होने पर एक बयान जारी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे ‘एक साल-बुरी मिसाल’ का नाम दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यही कारण है जनता ने गोरखपुर और फुलपूर उपचुनाव में उन्हें सबक सिखा दिया है और सरकार को जीरो अंक दिया है.
सीएम योगी को कठघरे में खड़ा करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश की आमजनता से घोर वादाखिलाफी, उसे केवल लच्छेदार बातों में फुसलाने व धार्मिक उन्मादों में बहकाने की भूल करने का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी परंपरागत लोकसभा सीट भी गंवानी पड़ी है. इससे पहले शहरी निकाय के चुनाव में भी वो अपने मठ की सीट पर चुनाव हार गए थे.
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि- योगी की सरकार द्वारा एक वर्ष के भीतर सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों व आम जनता के हित व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कर्मकाण्ड व पूजा पाठ में ज्यादा ध्यान दिया गया. योगी को राजधर्म का पाठ पढ़ाते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि जनता के हित के लिए सही नीयत व निष्ठा भाव से काम करना ही असली पूजा व सच्चा राजधर्म है.
राज्य में हो रहे पुलिस इंकाउंटर पर सवाल उठाते हुए बसपा प्रमुख ने कहा, “सीएम योगी ने अपनी पार्टी के नेताओं पर से दंगा आदि के आपराधिक मुकदमें वापस लेकर सरकारी मेहरबानी की जबकि दूसरे लोगों की पुलिस इनकाउंटर में हत्या करके कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का गलत प्रयास किया जा रहा है. इससे भाजपा की पक्षपाती और द्वेषपूर्ण नीति का पर्दाफाश होता है.”
सीएम योगी पर चुटकी लेते हुए मायावती ने कहा कि योगी सरकार को आर.एस.एस और नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए व्यर्थ का काम करने की बजाय प्रदेश के 22 करोड़ गरीबों, मजदूरों व आम जनता के हित में सही कार्य प्रणाली के साथ काम करने की जरूरत है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार भ्रष्टाचार उन्मूलन व कालाधन वापसी आदि के खास महत्व के मुद्दों पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है, ठीक उसी प्रकार प्रदेश की योगी सरकार भी किसानों की कर्जमाफी, गन्ना किसानों का बकाया, युवाओं और छात्रों के हित के बायदे और जनहिताय के मामलों में बुरी तरह से विफल साबित हुई है.
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