प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक बुलाई है. बैठक में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती शामिल नहीं होंगी. मायावती ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है. ईवीएम पर बैठक होती तो मैं जरूर शामिल होती.
मायावती ने ट्विटर पर लिखा, ‘किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है. देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है.’
किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा, ‘बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है. ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है. ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती.’
किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
देश में पिछले काफी समय से एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने को लेकर चर्चा छिड़ी है. इसी बहस को आगे बढ़ाने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में राष्ट्रीय पार्टियों, क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्ष को शामिल होना है. ये बैठक बुधवार दोपहर 3 बजे संसद भवन की लाइब्रेरी में होगी. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में आने से इनकार कर दिया है.
इस बैठक में वन नेशन वन पोल के अलावा भी कई मुद्दों पर बात होगी. 2022 में भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरा कर लेगा, इसे मोदी सरकार बड़े रूप में मनाना चाहती है, जिस पर सभी दलों से बात हो सकती है. साथ ही महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न और सदन में कामकाज के सुचारू रूप से चलने को लेकर बैठक में प्रधानमंत्री बात करेंगे.
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