नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना होने वाले हैं. यह सम्मेलन 3 से 5 सितंबर के तक होगा. इससे पहले वो अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. इस विस्तार के चलते जहां राजीव प्रताप रूडी, फग्गन सिंह कुलस्ते और उमा भारती समेत 6 मंत्रियों के इस्तीफे मांग लिए गए हैं वहीं इनकी जगह नए लोगों को जगह दी जा सकती है. कैबिनेट मंत्रियों ने गुरुवार रात अपने इस्तीफे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंपे हैं.
जिन लोगों ने इस्तीफा दे दिया है उनमें जल संसाधन मंत्री उमा भारती, कलराज मिश्र, महेंद्रनाथ पांडेय, कौशल विकास और राजीव प्रताप रुडी, संजीव बालियान और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.
उम्मीद की जा रही है कि मोदी मंत्रिमंडल में उन राज्यों नए चेहरों को जगह मिल सकती है जहां आने वाले वक्त में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके अलावा मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल में मिशन 2019 का असर भी नजर आ सकता है. ऐसे में साफ है कि कैबिनेट में बड़ा बदलाव अगले 2 दिनों के भीतर ही होने जा रहा है.
इन सारे बदलावों के बीच माना जा रहा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में होने वाला कैबिनेट बदलाव साल 2019 के आम चुनावों से पहले का आखिरी बड़ा बदलाव होगा. सरकार का आखिरी साल तो चुनावी तैयारियों में ही बीतता है. यानी नए विभाग संभालने वाले मंत्रियों के पास अपना काम दिखाने के लिए एक साल से भी कम का वक्त होगा.
इस्तीफे के बाद राजीव प्रताप रुडी ने कहा, ‘पार्टी का निर्णय हुआ कि आप अपना इस्तीफा दें, ये बिल्कुल सामान्य है. सरकार में काम करने का मौका मिला, आगे भी पार्टी में काम करने का मौका मिले बस इसी अभियान के साथ चलते हैं. ये सरकार और प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है. इस में कोई तर्क नहीं होता.’
गुरुवार को अरुण जेटली, नरेंद्र तोमर समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी की है. वैसे तो इस बैठक को गुजरात चुनाव की तैयारियों के लिए बुलाया गया था लेकिन इस दौरान केंद्रीय कैबिनेट पर चर्चा की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
वित्त और रक्षा मंत्री जेटली ने भी बड़े फेरबदल के साफ संकेत दिए हैं. एक कार्यक्रम में आए जेटली ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि अब ज्यादा दिन उन्हें 2-2 मंत्रालयों का भार संभालना होगा.

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