नई दिल्ली। संसद में विपक्ष की ओर से बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरा गया जिनमें गौरक्षा और हिंदू रक्षा के नाम पर बनाये गये संगठनो की आलोचना भी प्रमुख रूप से रही. उच्च सदन राज्यसभा में जहां गुजरात में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठा, वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुल खड़गे ने गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया. खड़गे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश की आबो-हवा बिगाड़ना चाहती है और भय का माहौल बनाना चाहती है. खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही भाषणों में गौरक्षा के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करने की बात करते हों लेकिन असल में उनकी सरकार के मंत्री, सांसद और उनकी पार्टी के विधायक और अन्य नेता ही गौरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या को प्रोत्साहित करते हैं. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में भय और आतंक का माहौल है. भीड़ द्वारा हत्याओं का सिलसिला थम नहीं रहा है.
नेता विपक्ष ने कहा कि मोदी सरकार परोक्ष रूप से विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी), बजरंग दल और गौरक्षकों की मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य खासकर झारखंड और मध्य प्रदेश मॉब लिंचिंग सेन्टर बन चुके हैं. खड़गे ने अपने भाषण में सहारनपुर और नई दिल्ली से पलवल के बीच चलती ट्रेन में जुनैद की भीड़ द्वारा पीट- पीटकर की गई हत्या का भी जिक्र किया.
खड़गे ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि आप एक्शन की बात करते हैं लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि आपने इन बहशी तथाकथित गौरक्षकों पर क्या कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस दिन हिंसक भीड़ द्वारा हत्या की आलोचना की और कार्रवाई की बात कही, उसी दिन ऐसी घटनाएं फिर घटीं. खड़गे ने कहा कि पीएम ने इस मामले में शीघ्र और कठोर कार्रवाई की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री से पूछा, आप सदन को बताएं कि इस संबंध में आप ने क्या कदम उठाए हैं. इतने सवालो के बाद भी प्रधानमंत्री द्वारा किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गयी.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।