
प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर दुबारा देश की सत्ता पर कब्जा जमाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब अपना कैबिनेट बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं. इस कैबिनेट में जहां भाजपा के प्रमुख चेहरे बने रहेंगे तो वहीं सहयोगियों को भी जगह मिेलेगी. इन दलों में जनता दल (यूनाइटेड), अन्नाद्रमुक को भी जगह मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन के कारण इन दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है. पीएम मोदी 30 मई को नए कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे. इसके बाद मंत्रिमंडल का खाका भी लोगों के सामने आ सकता है.
नए मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर जैसे पुराने चेहरे बने रह सकते हैं. ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी नई सरकार में मंत्री पद संभाल सकते हैं. हालांकि, शाह ने इस मुद्दे पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है.भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के प्रमुख राम विलास पासवान ने अपने सांसद पुत्र चिराग पासवान को मंत्री बनाने की वकालत की है. लोजपा ने 6 लोकसभा सीटें जीती हैं. पासवान पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
बीजेपी ने इन चुनावों में पश्चिम बंगाल में 18 और तेलंगाना में चार सीटें जीती हैं. इसके कारण पार्टी नई सरकार में दोनों राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दे सकती है. इसके अलावा जिन राज्यों में आने वाले वक्त में चुनाव है जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में प्रमुखता से जगह मिल सकती है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ऐसी अटकलें हैं कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होंगे. लेकिन जेटली के करीबी लोगों का कहना है कि इलाज के बाद उनकी तबीयत ठीक है. सरकार ने रविवार को दखल देकर इस बात पर जोर दिया कि उनकी सेहत से जुड़ी खबरें गलत और बेबुनियाद हैं. भारत सरकार के प्रधान प्रवक्ता सितांशु रंजन कार ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में मीडिया के एक हिस्से में आई खबरें गलत और बेबुनियाद है. मीडिया को सलाह दी जाती है कि अफवाह फैलाने से परहेज करें.’

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