प्रधानमंत्री पंजाब के फिरोजपुर में चुनावी रैली नहीं कर सकें। मोदी को मौसम, किसानों के विरोध और खाली कुर्सियों के कारण वापस लौटना पड़ा। लेकिन आपदा को अवसर बनाने में माहिर भाजपा ने इस पूरे मामले को भाजपा बनाम कांग्रेस बना दिया। और जो चुनावी रैली में न कर सके उसे सड़क पर कर दिखाया। जब भाजपा ने हुंकार भरी तो गोदी मीडिया ने भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ा और सरकार के साथ दलित समाज के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इस बीच बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के अधिकारियों से यह कहकर मामले को राजनीतिक रंग दे दिया कि ‘अपने सीएम को शुक्रिया कहना की मैं वापस जिंदा लौट आया’। मोदी के इस इशारे के बाद केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों, सांसदों ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चो खोल दिया। यहां तक की कांग्रेस के नेता भी सीएम चन्नी के पीछे पर गए। और तमाम नेताओं और मंत्रियों ने सीएम चन्नी के इस्तीफे की मांग कर दी है।
स्मृति इरानी ने बड़बोले पन में यहां तक कह दिया कि कांग्रेस मोदी से नफरत करती है। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा ने सीएम का इस्तीफा मांग डाला। चारो ओर से घिरे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक की खबरों का खंडन किया है। सीएम चन्नी का कहना है कि उन्होंने खुद सारे इंतजाम देखे थे। पीएम को हेलीकॉप्टर से आना था, लेकिन अंतिम समय में उनका रूट बदल दिया गया और वे सड़क से आएं।
हालांकि कांग्रेस और सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर जुबानी जंग जारी है। गृह मंत्रालय ने इसे बड़ी चूक मांगते हुए पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीएम चन्नी का बचाव करते हुए साफ किया है कि- पीएम की सुरक्षा में 10 हजार जवान तैनात थे। पीएम को हेलीकॉप्टनर से आना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने सड़क मार्ग को चुना, जिसकी जानकारी सरकार को नहीं थी।
दरअसल पीएम मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में रैली में जाना था। लेकिन खराब मौसम की वजह से पीएम को हेलीकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग से जाना पड़ा, इस दौरान फ्लाईओवर पर पहले से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के कारण पीएम को 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। इसी को लेकर भाजपा ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कहा जा रहा है कि रैली न कर पाने और किसानों के विरोध की खबर को दबाने के लिए भाजपा ने पूरे मामले को दूसरा रंग दे दिया है।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।