नई दिल्ली। क्या आप मोमोज खाते है? अगर हां तो यह खबर जरूर पढ़ें. अगर आप बाजार में मोमोज खाने के शौकीन हैं, तो जरा सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि दिल्ली में चिकन मोमोज में कुत्ते का मांस मिलाकर ग्राहकों को खिलाया जा रहा है.
दिल्ली कैंट में मोमोज की दुकानों को बंद करा दिया गया है. कैंट बोर्ड के सीईओ का कहना है कि कंप्लेंट आ रही थी कि मोमोज वाले कुत्ते का मीट मिलाकर मोमोज बेच रहे थे. यह एक हैरान करने वाली खबर है. इसके बाद मामोज की गुणवत्ता की जांच करने का आदेश जारी किया गया.
मोमोज की गुणवत्ता खराब है तो दुकानदार का सामान जब्त कर दुकान बंद कराने को कहा गया. एनफोर्समेंट विंग के अफसरों ने बताया कि सीईओ के आदेश के बाद गोपीनाथ बाजार, सदर बाजार और वेंडिंग जोन के सैकड़ों दुकानदारों के यहां जांच की गई. कैंट एरिया की आर्मी कैंटीन में मोमोज बेचने पर रोक लगा दी गई है. गड़बड़ी पाए जाने पर 20 दुकानदारों का सामान जब्त कर लिया गया है.
वहीं एक रेस्तरां के मालिक ने बताया कि कुछ समय पहले ऐसा ही एक मामला गुड़गांव में भी सामने आया था. पॉश इलाकों से पालतू कुत्ते गायब हो रहे थे. ऐसे में स्थानीय लोगों को शक हुआ कि अवैध बूचड़खानों के बंद होने के कारण इन कुत्तों को शिकार बनाया जा रहा है और मोमोज, बिरयानी और कबाब में कुत्तों के मीट का इस्तेमाल किया जा रहा है. मालिक का मानना है कि ऐसा दिल्ली में भी हो सकता है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।