नई दिल्ली। ईरान-इराक सीमा पर आए भकूंप के बाद मंगलवार को भी राहत कार्य जारी हैं. मलबा हटाने का काम बड़े स्तर पर किया जा रहा है. अभी तक भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या 400 के पार पहुंच चुकी है. भूकंप का सबसे ज्यादा नुकसान उस इलाके को हुआ है जिसे 1980 में युद्ध के बाद फिर से बनाया गया था.
ईरान के स्थानीय समयानुसार रात 9:48 मिनट पर आए 7.3 की तीव्रता का भूकंप आया. ईरान के संकट प्रबंधन मुख्यालय के प्रवक्ता बेहनम सईदी ने सरकारी टीवी को बताया कि भूकंप से देश में 400 लोग मारे गए हैं और 7,156 अन्य लोग घायल हुए.
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप का केंद्र इराक के पूर्वी शहर हलबजा के 31 किलोमीटर बाहर और 23.2 किलोमीटर की गहराई पर था. भूकंप के कारण दुबई की गगनचुंबी इमारतें भी हिल गईं और यह भूमध्यसागरीय तट पर 1,060 किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया. इराक के गृह मंत्री के अनुसार भूकंप से सात लोगों की मौत हुई है और 535 लोग घायल हैं. सभी देश के उत्तरी, अर्द्ध स्वायत्त कुर्द क्षेत्र के हैं.
भूकंप के झटके इतने तेज थे कि प्रभावित इलाके में कई इमारत तो कुछ सेकेंड में ही गिर गए. कई इलाकों का एक दूसरे संपर्क भी टूट गया है. भूकंप की वजह से बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है. बचाव कार्य में तेहरान के लड़ाके भी अन्य बचाव कर्मियों की मदद कर रहे हैं. मलबे की जांच के लिए श्वान दस्ते का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।