नई दिल्ली। गूगल हैंगआउट के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल को कुछ छात्रों ने स्कॉलरशिप ना मिलने की शिकायत की तो सरकार हरकत में आ गई. सरकार ने सारी फाइलों की जांच करवाई जिससे एक बड़ा खुलासा सामने आया. शिकायत में बताया गया कि छात्रों को 16 महीने से स्कॉलरशिप का इंतजार है और केंद्र व दिल्ली सरकार की अलग-अलग स्कीम के तहत 5 लाख से ज्यादा स्कॉलरशिप अभी तक नहीं दी गई है.
रिपोर्ट सामने आने के बाद केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि 15 जुलाई तक हर हाल में करीब 5.57 लाख स्कॉलरशिप जारी कर दी जाए और चाहे इसके लिए रात- दिन काम क्यों न करना पड़े. साथ ही सीएम ने निर्देश दिया है कि रिपोर्ट में जिन अधिकारियों की लापरवाही की बात सामने आई है, उनसे जवाब मांगा जाए. रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएम ने चीफ सेक्रेटरी को लिखा है कि स्कॉलरशिप को लेकर फाइलें पूरे साल किसी मंत्री के सामने पेश नहीं की गई और किसी मंत्री के सामने इस मामले को नहीं रखा गया. संबंधित विभाग के अफसरों ने दिल्ली सरकार को पूरी तरह से अंधेरे में रखा और इस मामले की जांच होनी चाहिए कि ऐसा कहीं जानबूझकर तो नहीं किया गया.
शिकायत मिलने के बाद सीएम केजरीवाल ने डिपार्टमेंट ऑफ एससी, एसटी, ओबीसी, माइनोरिटीज से रिपोर्ट मांगी और डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को जांच करने की जिम्मेदारी डॉयलॉग एंड डेवेलपमेंट कमिशन (DDC) को दी. DDC ने स्कॉलरशिप से जुड़ी 34 फाइलों की जांच की, जिसका जिक्र सीएम ने अपने आदेश में भी किया है. सीएम ने लिखा है कि गरीब छात्रों को लंबे समय तक स्कॉलरशिप नहीं दी गई है और वे समझ सकते हैं कि अगर 15 दिन तक भी स्कॉलरशिप मिलने में देर हो जाए तो कितनी मुश्किल होती है. सीएम ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल करते हुए पूरे मामले की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं.
डीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा 7 और दिल्ली सरकार द्वारा 5 स्कॉलरशिप स्कीम को स्पांसर किया जाता है. एससी, एसटी, ओबीसी और माइनोरिटीज स्टूडेंट को इन स्कीमों का फायदा मिलता है. स्कूल और कॉलेज जाने वाले गरीब स्टूडेंट (प्राइवेट व गवर्नमेंट स्कूल) इस स्कॉलरशिप के जरिए अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखते हैं. लेकिन सामने आया है कि दिल्ली सरकार की 2015-16 की स्कॉलरशिप जो मार्च 2016 तक मिल जानी चाहिए थी, वह अभी तक नहीं मिल सकी है. इसी तरह से 2016-17 की स्कॉलरशिप मार्च 2017 तक मिलनी चाहिए थी, वह भी छात्रों को नहीं मिल पाई है. डीडीसी ने रिपोर्ट में कहा है कि यह अफसरों की घोर लापरवाही है और ये फाइलें कभी भी सीएम या दूसरे मंत्रियों के सामने नहीं रखी गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि 12 में से 2 केंद्र और 5 दिल्ली सरकार की स्कीम के तहत 77 हजार 745 एससी, एसटी, ओबीसी, माइनोरिटी कम्यूनिटी के छात्रों को स्कॉलरशिप का इंतजार है.
केंद्र सरकार की स्कीम के लिए दिल्ली सरकार ने कैंडिडेट्स से ऐप्लीकेशन मांगे और 30 नवंबर 2016 तक 66882 ऐप्लीकेशन आए. केंद्र के निर्देशों के मुताबिक 20 मार्च 2017 तक सभी कैंडिडेट्स का वेरिफिकेशन होना था. डिपार्टमेंट को ज्यादा समय दिए जाने के बाद भी 23 मार्च तक 293 कैंडिडेट्स का ही वेरिफिकेशन किया गया. डीडीसी ने रिपोर्ट में कहा है कि यह दिखाता है कि दिल्ली सरकार के अफसरों ने इस स्कीम को लेकर कितनी लापरवाही बरती है. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जो भी दिशा- निर्देश मिल रहे थे, उससे जुड़ी फाइलों को सीएम, डिप्टी सीएम या किसी मंत्री के पास नहीं भेजा गया.
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