उत्तर प्रदेश में OBC/SC/ST वर्ग के अधिकारियों के साथ हो रहे भेदभाव ने योगी सरकार की असली मानसिकता को उजागर कर दिया है। BJP शासित राज्यों में बहुजन समाज के अधिकारियों की तरक्की में लगातार रोड़े अटकाए जा रहे हैं, और इसकी ताजा मिसाल 2008 बैच के PCS अधिकारियों की IAS में पदोन्नति को जानबूझकर रोके जाने के रूप में सामने आई है।
यह महज संयोग नहीं कि इस बैच के सभी 14 अधिकारी बैकलॉग भर्ती के तहत OBC/SC/ST वर्ग से आते हैं, और सरकार ने उनकी फाइलों को धूल चाटने के लिए छोड़ दिया है। यह सीधा-सीधा जातिवादी भेदभाव है। मुख्य सचिव UPSC की DPC मीटिंग में शामिल होने से महाकुंभ का बहाना बनाकर बचते हैं, लेकिन अगले ही दिन दिल्ली के पास एक निजी मेडिसिटी के उद्घाटन में शामिल होने का वक्त निकाल लेते हैं। आखिर यह दोहरा रवैया क्यों? क्या OBC/SC/ST वर्ग के अधिकारियों का हक छीनने की यह सोची-समझी साजिश नहीं है?
अगर योगी सरकार खुद को निष्पक्ष और सख्त प्रशासन देने वाली सरकार कहती है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए। मुख्य सचिव से जवाब मांगा जाए कि आखिर इन अधिकारियों की फाइलें जानबूझकर क्यों रोकी जा रही हैं? बहुजन समाज के सामाजिक न्याय और अधिकारों के साथ यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम यूपी सरकार से माँग करते हैं कि इन अधिकारियों की IAS में पदोन्नति प्रक्रिया में हो रही देरी को तत्काल समाप्त किया जाए और उन्हें उनका हक दिया जाए।
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद के एक्स पोस्ट से साभार

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