आदिवासी युवक पर पेशाब करने वाला भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तार

pravesh-shukla-arrested-sidhiभाजपा के शासन वाले मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी पर पेशाब करने वाले भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर नशे की हालत में युवक पर पेशाब करने का आरोप है। मंगलवार को इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कुबरी बाजार का यह वीडियो 10 दिन पुराना बताया जा रहा है। आरोपी भी सीधी जिले से 20 किलोमीटर दूर कुबरी गांव का ही रहने वाला है। इस विवाद होने के बाद पुलिस बहरी थाने की एक टीम प्रवेश को ढूंढ़ रही थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपी पर एनएसए लगाने की घोषणा पहले ही कर रखी थी और युवक की गिरफ्तारी के बाद उस पर एनएसए लगा दिया गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा के तमाम नेता घटना की निंदा भी कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के नेता आरोपी प्रवेश शुक्ला से पल्ला झाड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रवेश शुक्ला सीधी जिले से विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि रह चुका है। वहीं दूसरी ओर भाजपा की चुप्पी और प्रवेश शुक्ला से पल्ला झाड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भाजपा द्वारा जारी एक पत्र को ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि प्रवेश शुक्ला भाजपा के युवा मोर्चा में मंडल उपाध्यक्ष है।

इस मामले पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर आरोपी की संपत्ति जब्त करने की मांग की है। उन्होंने ट्विट में कहा, “एक आदिवासी/दलित युवक पर स्थानीय दबंग नेता के पेशाब करने की घटना अति शर्मनाक है। इस अमानवीय कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए कम है। इसका वीडियो वायरल होने के बाद ही सरकार का जागना इनकी संलिप्तता को साबित करता है। यह भी अति-दुःखद। मुजरिम को बचाने व उसे अपनी पार्टी का न बताने आदि को त्याग कर अपराधी के खिलाफ केवल एनएसए नहीं, बल्कि उसकी संपत्ति जब्त/ध्वस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस मामले में अब आरोपी के परिवार वाले मामले की लीपा-पोती में जुट गए हैं। आदिवासी युवक पर भी दबाव की बात सामने आई है। पीड़ित युवक ने तीन जुलाई को शपथ पत्र लिखकर फर्जी वीडियो को वायरल करने की बात कही है। हालांकि सवाल उठता है कि जब युवक की मानसिक हालत ठीक नहीं है, जैसा कि कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है, और जो युवक घटना का पुरजोर विरोध भी नहीं कर पाया, ऐसे में वह शपथ पत्र कैसे दाखिल कर सकता है? और वैसे भी… तस्वीरें झूठ नहीं बोला करती।

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