
लखनऊ। मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जेल में हथियार कैसे पहुंचा था, यह एक बड़ी पहेली बनी हुई थी, जिसे पुलिस ने सुलझा लिया है. दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक जांच के बाद यह बात सामने आई है कि पिस्टल को टिफिन में बंद कर के जेल के भीतर पहुंचाया गया था.
यह भी कहा जा रहा है कि बागपत जेल में हत्या के बाद आरोपी सुनील राठी नहाया था, ताकि उसके शरीर में गन पाउडर का कोई सबूत न रहे. राठी ने अपने कपड़े भी धुलवा दिए थे, ताकि फोरेंसिक जांच के दौरान पुलिस को कोई सबूत नहीं मिले. इन तमाम गतिविधियों में अपराधियों ने जेल में सीसीटीवी नहीं होने का भी भरपूर फायदा उठाया.
इससे पहले एफआईआर से भी कई नई जानकारियां मिली थी. हत्या में इस्तेमाल पिस्टल को खोजने के लिए पुलिस को घंटों मशक्कत करनी पड़ी. सूचना के आधार पर पुलिस ने जेल के गटर से एक बड़े चुंबक की मदद से पिस्टल को बरामद किया. इस दौरान पुलिस को कई कारतूस भी मिले थे.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।