कासगंज। कासगंज सांप्रदायिक हिंसा के चलते 27 जनवरी को घंटाघर चौक पर मुस्लिमों की पांच दुकानें जला दी गाईं जिसमें लगभग 20 हिन्दु काम करते थे. दुकाने जलने के बाद अब ये सभी कर्मचारी बेरोज़गार हो गए हैं. इन्ही में से एक दुकान ‘बाबा शू कंपनी’ के मालिक सरदार अली खान ने बताया कि दुकान जलने से उनका करीब आठ लाख रुपये का नुकसान हो गया, यहां छह लोग काम करते थे जिनमें से चार हिंदु थे. सारा कारोबार ठप्प हो गया, अब फिर से शुरुआत करने में पीढ़ियां लग जाएंगी. सरदार ने कहा कि “जब मेरी दुकान जलाई जा रही थी तब मैने उन्हे रोकने की लेकिन उन्होंने मुझे दुकान से बाहर निकाल कर मारपीट शुरू कर दी.
इसी दुकान पर काम करने वाले वीर बहादुर ने निराशा जताते हुए कहा कि वह पिछले सात सालों से बाबा शू कंपनी में काम कर रहा था. उसे रोजाना 180रुपए मिलते थे लेकिन अब उसे नहीं पता कि वह क्या करेगा. इसी तरह मंसूर अहमद की भी दुकान जला दी गई जिसकी दुकान में छह हिंदू काम करते थे. मंसूर अहमद के अनुसार जिन लोगों ने दुकानें जलाईं उनको पता ही नहीं इस दुकान के ज्यादातर कर्मचारी हिंदू हैं.”
आपको बता दें कि यह मामला कासगंज हिंसा से जुड़ा है जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा को लेकर हिंसा भड़की थी. जिसमें चंदन नाम के एक लड़के की गोली मारकर हत्या करने के बाद हिंसा ने और भयानक रूप ले लिया. और गुस्साए लोगो ने मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें जला दी गई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था.
पीयूष शर्मा

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