कहते हैं शर्म का एक पर्दा होता है। इंसानों में उस पर्दे का काम हमारे कपड़े करते हैं। लेकिन जब शर्म का वो पर्दा मजबूरी में हटाना पर जाए, आप सोच सकते हैं कि किसी इंसान की हालत क्या होती होगी। किस मजबूरी में वो ऐसा करता होगा। आज छत्तीसगढ़ में युवाओं ने बीच सड़क पर अपने कपड़े उतार दिए।
छत्तीसगढ़ में 267 फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये एससी-एसटी युवाओं के हिस्से की नौकरी खा जाने वाले सवर्णों के खिलाफ चुप्पी साधे कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को जगाने के लिए एससी-एसटी युवाओं ने नग्न प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया।
छत्तीसगढ़ में आज विधानसभा सत्र शुरु हुआ है। जब VVIP विधानसभा जा रहे थे, उसी समय दर्जन भर नौजवान पूरी तरह से नग्न हो कर सड़कों पर आ गए। इन नौजवानों की माँग थी कि फ़र्ज़ी आरक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों पर कार्रवाई की जाए।
यह पूरा मामला तब का है जब छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ था। तब से अब तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के साहारे आरक्षण, नौकरी एवं राजनीतिक लाभ लेने की तमाम शिकायतें सामने आई है। इन शिकायतों के आधार पर प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था। इस जांच में समिति को कुल 758 शिकायते मिली जिसमें से 659 मामलों में जांच की गई। इसमें 267 ऐसे मामले सामने आए, जिसमें सवर्ण समाज के लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे आरक्षण से नौकरी एवं राजनैतिक लाभ ले रहे थे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इसमें सरपंच और पार्षद से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे का नाम भी सामने आया था। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी लोगों को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दे दिए गए। लेकिन इस आदेश के तीन साल होने के बावजूद अब तक ऐसा हो नहीं पाया है।
साल 2020 में सामने आए इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं होने से नाराज एससी-एसटी वर्ग के युवाओं ने 19 जून से आमरण अनशन किया था। लेकिन सरकार ने उनकी एक न सुनी।
जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने थे तो बहुजन समाज के लोगों ने दिल्ली में उनका सम्मान किया था। कहा गया था कि वो बहुजनों के हितों की रक्षा करेंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। छत्तीसगढ़ के युवा लाज छोड़कर कपड़े उतार कर मैदान में आ गए हैं। और इतिहास गवाह है कि जब युवा मैदान में आता है तो बड़े-बड़े नेताओं को मैदान छोड़ना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में जल्दी ही चुनाव है।