इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार
यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की किताबों को लगाने पर विचार कर रही है. इसके संदर्भ में समितियों की बैठक सोमवार से शुरू हो गई. कक्षा 9 से 12 तक के सवा करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए कोर्स में व्यापक बदलाव पर 14 जुलाई तक चर्चा होगी. इस दौरान कुल 33 पाठ्यक्रम समितियों की बैठक होनी है. पहले दिन कम्प्यूटर और मानव विज्ञान विषयों की बैठक होनी थी, लेकिन कम्प्यूटर विषय की ही बैठक हो पायी.
मानव विज्ञान की बैठक अब 10 जुलाई को होगी. बैठक में मुख्य रूप से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम को हूबहू लागू करने और 2018 की इंटरमीडिएट परीक्षा से दो की जगह एक पेपर करने पर विचार हो रहा है. अप्रैल 2018 से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है.
अगर ऐसा होता है तो 2020 की 10वीं एंव 12वीं की परीक्षा एनसीईआरटी के कोर्स पर होगी. इससे पहले 2018 व 2019 की बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडिएट में दो की जगह एक पेपर करने के निर्देश शासन से मिले हैं ताकि परीक्षा अवधि को कम किया जा सके. गौरतलब है की एनसीईआरटी की किताबों की मांग लम्बे समय से हो रही है जिस पर सरकार अब जाकर इसे अमल में लाने की सोच रही है.

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