हाजीपुर वाया पटना होते हुए एक खबर दिल्ली पहुंची है. खबर यह है कि ‘हिन्दु ह्रदय सम्राट’ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आस्था रखने वाले और उनके मंत्रीमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्ड से हाजीपुर में रविवार को खरीददारी की. उन्होंने एक दुकान से मिठाई खरीदी (जाहिर है अच्छी दुकान में गए होंगे), एक गारमेंट के दुकान से कपड़े खरीदे और एक जगह चाय भी पी. यह सारा कार्यक्रम उन्होंने हाजीपुर के शहरी क्षेत्र में किया. ऐसा कर उन्होंने कैशलेस सिस्टम को बढ़ावा दिया.
जाहिर है कि ऐसा कर उन्होंने अपनी सरकार के नेतृत्व में जो कि मोदी जी हैं, आस्था रखते हुए अपना फर्ज निभाया. खबर भी लग गई, फोटो भी छप गया. देखिए मैं भी खबर लिख रहा हूं. लेकिन अगर मैं पटना में होता तो पासवान जी से यह सवाल जरूर पूछता कि क्या वो अपने संसदीय क्षेत्र के, जो कि काफी लंबा-चौड़ा है; किसी ग्रामीण इलाके में गए? क्या उन्होंने गांव के बाजारों का दौरा किया और यह समझने की कोशिश की कि वहां के लोग और दुकानदार किस मुश्किल से जूझ रहे हैं? पासवान द्वारा कैशलेस को बढ़ावा देने का अभियान सफल तब होता जब वो यह खरीददारी ग्रामीण क्षेत्र में करते. वह किसी गांव के बाजार से मिठाई खरीदते, किसी गांव के बाजार से कपड़े खरीदते और किसी हाट पर अचानक रुक कर चाय पीते. वरना केंद्रीय मंत्री को जब किसी मुद्दे को प्रचारित करना हो तो वह सब कैसे होता है, ये सबको पता है.
केंद्रीय मंत्री को पता होता है कि किस मिठाई की दुकान पर कार्ड स्वैप होता है औऱ कौन सा चाय वाला पेटीएम से पैसे लेता है. आखिर उनके पीछे चापलूसों की फौज इसीलिए तो घूमती है, जो जाकर पहले ही अपने ‘पसंदीदा’ दुकान वाले को ताकीद कर देता है कि वो तैयार रहे, मशीन-वशीन मंगवा ले, दुकान की सफाई करवा दें, आज उसके ‘भाग्य’ खुलने वाले हैं, आज उनके यहां केंद्रीय मंत्री का आगमन होने वाला है. पासवान उसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं जिसको इस कैशलेस से सबसे ज्यादा दिक्कत है. अच्छा होता कि वह उसकी सही आवाज बनते. लेकिन अब पासवान से इस समाज को भी कोई उम्मीद नहीं रह गई है. नेतृत्व में आस्था जारी रखिए पासवान जी. शुभकामनाएं।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।