Friday, February 21, 2025
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बसपा में फिर बढ़ी हलचल

जिस तरह से बहनजी ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को बाहर का रास्ता दिखाया है, उससे पार्टी के भीतर नई बहस शुरू हो गई है। आकाश आनंद बहनजी के हर पोस्ट को रि-पोस्ट करते हैं, लेकिन 12 फरवरी को अशोक सिद्धार्थ को निकाले जाने की खबर पर उनकी चुप्पी साफ दिखी

नई दिल्ली। आकाश आनंद के ससुर और पुराने बसपाई अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाले जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बसपा मुखिया बहन मायावती के आज के सोशल मीडिया पोस्ट से यही लग रहा है। इस पोस्ट में साफ नजर आ रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती के दिल और दिमाग में काफी हलचल है। इस पोस्ट में अशोक सिद्धार्थ को चेतावनी है तो आकाश आनंद के लिए भी बड़ा मैसेज है।

12 फरवरी को अशोक सिद्धार्थ को बसपा से बाहर किये जाने के फरमान के बाद 16 फरवरी को एक के बाद अपने 5 एक्स पोस्ट में बसपा प्रमुख की बेचैनी साफ दिखी। बहनजी ने इशारों-इशारों में नसीहत देते हुए लिखा कि-

बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता तक पहुँचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।

इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

इसके बाद बहनजी ने जो पोस्ट लिखा वो भतीजे आकाश आनंद को चेतावनी की तरह है। बहनजी ने लिखा-

मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, श्री कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।

साथ ही, देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना ज़रूरी है।

बहनजी के एक्स पोस्ट से साफ है कि उन्होंने यह संदेश दे दिया है कि कोई बसपा का उत्तराधिकारी तभी बना रह सकता है जब वो उनके हर निर्देश का पालन करे। बता दें कि जिस तरह से बहनजी ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को बाहर का रास्ता दिखाया है, उससे पार्टी के भीतर नई बहस शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि आकाश आनंद भी इस फैसले से खुश नहीं हैं। आकाश आनंद बहनजी के हर पोस्ट को रि-पोस्ट करते हैं, लेकिन 12 फरवरी को अशोक सिद्धार्थ को निकाले जाने की खबर पर उनकी चुप्पी साफ दिखी। उन्होंने बसपा मुखिया के इस पोस्ट को रि-पोस्ट भी नहीं किया। और अब जिस तरह इस उठा पटक के चौथे दिन बहनजी ने पार्टी के उत्तराधिकारी की योग्यता को लेकर जो बयान जारी किया है, उससे हलचल और बढ़ गई है।

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