सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की खंडपीठ के द्वारा एक अगस्त को आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमी लेयर को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद दलित समाज के भीतर से विरोध उठना शुरू हो गया। इस बीच 9 अगस्त को इस बारे में केंद्र सरकार ने बयान जारी कर स्थिति को साफ किया है। केंद्र सरकार की ओर केद्रीय मंत्री अश्विनी वार्ष्णेय सामने आए। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं होगा। हालांकि एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर केंद्र ने चुप्पी साध रखी है। ऐसे में यह आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा, इसको लेकर दलित दस्तक के संपादक अशोक दास ने सोशल एक्टिविस्ट और विचारक डॉ. सतीश प्रकाश से चर्चा की। देखिए चर्चा का वीडियो-
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।