Saturday, February 22, 2025
HomeTop Newsबिहार में जहरीली शराब से रोज मरते हैं इतने दलित-आदिवासी

बिहार में जहरीली शराब से रोज मरते हैं इतने दलित-आदिवासी

पूरे देश में बिहार अनोखा राज्य बनता जा रहा है। यहां के सीएम नीतीश कुमार आए दिन शराबबंदी को लेकर दावे करते हैं तो दूसरी ओर उनका सिस्टम उनके ही दावे की धज्जियां उड़ा देता है। और हो यह रहा है कि आए दिन बिहार में जहरीली शराब के कारण लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। वहीं उनका तंत्र सच कबूलने के बजाय कहानियां गढ़ने में लगा है।

गत 15 मार्च को राज्य के कटिहार, गोपालगंज और बेतिया में हुई अलग-अलग घटनाओं में 8 लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन के कारण हुई है। लेकिन नीतीश कुमार के अफसरान यह स्वीकारने के बजाय इन मौतों को संक्रमण, मधुमेह और हृदयाघात आदि करार दे रहे हैं।

सबसे पहले बात करते हैं कटिहार जिले की। यहां के कोढ़ा थाना के चरखो जुराबगंज गांव में चार लोगों की मौत हो गई। मरनेवालों में दो औरतों रेखा देवी, सुलोचना देवी के अलावा अविनाश कुमार और जमील शामिल हैं। जबकि दो अन्य युवक सचिन और विकास कुमार की हालत गंभीर है। स्थानीय डीएम उदयन मिश्रा ने इन सभी के पीछे जहरीली शराब नहीं होने की बात कही है।वहीं गोपालगंज के थावे थाना के कविलासपुर गांव में दो लोगों और बेतिया के नौतन अंचल के श्यामपुर गांव में दो लोगों की मौत स्थानीय लोगों के मुताबिक जहरीली शराब पीने की वजह से हो गई है। इन मामलों में भी स्थानीय अधिकारियों ने जहरीली शराब के कारण होने से इंकार किया है।

दरअसल, बिहार सरकार जहरीली शराब से हो रही घटनाओं को रोकने में नाकाम हो रही है तो उसने और उसके तंत्र ने बदनामी से बचने का यह तरीका खोज लिया है। यह बिल्कुल वैसा ही जैसे भुखमरी के कारण होनेवाली मौतों से होनेवाली बदनामी से बचने के लिए सरकारें तमाम तरह का झूठ बोलती हैं।

बताते चलें कि पिछले छह महीने में साढ़े पांच सौ से अधिक लोगों की जान चली गयी है। वहीं करीब दो सौ लोगों को अपनी आंख् गंवानी पड़ रही है। इनमें अधिकांश दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हैं। जाहिर तौर पर इन घटनाओं से यह तो साबित होता ही है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री जारी है। लेकिन नीतीश कुमार, जो अपनी इमेज को लेकर चौकन्ने रहते हैं, ने इस तरह के तमाम सच्चाइयों को खारिज किया है।

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content