हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सेना में भर्ती का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। अब एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख बहन मायावती ने केंद्र सरकार से इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाने की मांग की है।
बताते चलें कि वर्ष 2020 से सेना में नये रंगरूटों की भर्ती पर सरकार ने रोक लगा रखी है। इसके कारण यूपी और बिहार जैसे प्रदेशों के हजारों नौजवानों का भविष्य दांव पर लगा है। उनकी समस्या यह है कि उम्र संबंधी शर्तों के कारण वे बिना परीक्षा दिए ही अयोग्य होते जा रहे हैं।
ट्वीटर पर जारी अपने संदेश में बसपा प्रमुख ने सोमवार को यह मामला उठाया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि “कोरोना के कारण सेना में भर्ती रैलियों के आयोजन पर पिछले दो साल से लगी हुई रोक अभी आगे लगातार जारी रहेगी। संसद में दी गई यह जानकारी निश्चय ही देश के नौजवानों, बेरोजगार परिवारों व खासकर सेना में भर्ती का जज़्बा रखने वाले परिश्रमी युवाओं के लिए अच्छी ख़बर नहीं है।”
दरअसल, यह बात केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के द्वारा संसद में दिये गए एक जवाब के बाद साफ हो गई है कि अभी भी केंद्र सरकार की मंशा सेना रूकी पड़ी भर्तियों को शुरू करने की नहीं है। इसके आलोक में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि “मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर सैन्य अफसर भी चिन्तित हैं, क्योंकि उनके अनुसार इस आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।”
बहरहाल, अभी भी यह मामला साफ नहीं किया जा रहा है कि भारत सरकार सेना में जवानों की भर्ती क्यों नहीं करना चाह रही है। जबकि देश के लगभग सभी सरकारी विभागों में कामकाज सामान्य तरीके से चल रहा है। यहां तक कि शादी-विवाह जैसे आयोजनों में भी संख्या संबंधी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।

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