Friday, April 25, 2025
HomeTop Newsब्राह्मण डायरेक्टर के जातिवाद पर भड़के बहुजन

ब्राह्मण डायरेक्टर के जातिवाद पर भड़के बहुजन

नई दिल्ली- नॉट फाउंड सुटेबल एक ऐसा शब्द है, जिसके जरिए सालों से दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के अधिकारों की हकमारी होती रही है। ताजा मामला इलाहाबाद के झूसी स्थिति जी.बी. पंत सोशल इंस्टीट्यूट का है, जहां इसी नॉट फाउंड सुटेबल का हवाला देकर ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण को दबा दिया गया है।

इस संस्थान के डायरेक्टर बद्री नारायण तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर सिर्फ सवर्णों को नौकरी दे दी है और सवर्णों में भी ज्यादातर अपनी जाति के ब्राह्मण लोगों को। तो दूसरी ओर ओबीसी के आरक्षित पदों को नॉट फाउंड सुटेबल का हवाला देकर छोड़ दिया गया है। नॉट फाउंड सुटेबल यानी की उपर्युक्त पद के लिए कोई अभ्यर्थी योग्य नहीं है।

मामला सामने आने के बाद ओबीसी समाज के बुद्धिजीवियों ने बद्री नारायण तिवारी पर ओबीसी के आरक्षण की हकमारी का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ओबीसी के बुद्धिजीवी इसे आरक्षण घोटाला कह कर बद्री नारायण तिवारी पर निशाना साध रहे हैं। इसके लिए उस सूची का हवाला दिया जा रहा है जो की जी. बी. पंत द्वारा सेलेक्श को लेकर जारी किया गया था।

पंत संस्थान की ओर से नौकरी के लिए निकाले गए आवेदन में- सामान्य वर्ग के लिए- 16, EWS के लिए- 9 और OBC के लिए 16 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। इन्हें API यानी कि एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स के घटते क्रम में रखा गया। अब इन तीनों सूचियों को ध्यान से देखिए।

सामान्य वर्ग की नियुक्ति के लिए अंक– 93 से 87 रखा गया। गरीबी के आधार पर मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण EWS के लिए यह 87 से 81 था, जबकि OBC के लिए अंक 93 से 83 निर्धारित किया गया।

यानी 93 से 87 तक API के अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में शामिल किए गए। 87 के बाद 81 तक आने वाले सवर्ण अभ्यर्थी EWS में शामिल किए गए। मगर OBC की सूची में 93 से 83 तक API वालों को शामिल कर दिया गया। जबकि 87 से ऊपर API के OBC को सामान्य वर्ग में नहीं रखा गया। यानी UR यानी अन रिजर्वर्ड, जिसे अनारक्षित यानी ‘ओपन फ़ॉर ऑल’ होना चाहिए था, उसे सिर्फ सवर्णों के लिए रिज़र्व कर दिया गया। यानी 50 फीसदी आरक्षण सिर्फ सवर्णों को दे दिया गया।

वरिष्ठ पत्रकार और बहुजनों के मुद्दों को उठाने वाले दिलीप मंडल ने ट्विटर पर लिखा है- नॉट फ़ाउंड सुटेबल घोटाला राष्ट्रीय समस्या है। OBC, SC, ST की लाखों नौकरियाँ लूट कर सवर्णों को दे दी जा रही हैं। इंटरव्यू का नंबर कम हो और उसका लाइव वीडियो प्रसारण हो। बहुत बेईमानी चल रही है। सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को इसके ख़िलाफ़ भारत बंद की तैयारी करनी चाहिए। #NFSScam

तो वहीं बहुजन चिंतक और हिन्दी के प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव ने लिखा है कि-‘बद्रीनारायण तिवारी’ एक व्यक्ति नहीं, प्रवृत्ति है। इस प्रवृत्ति ने भारतीय अकादमिक संस्थानों में दो काम किए। पहला, UR कैटेगरी को सवर्णों के लिए आरक्षित कर दिया और दूसरा, NFS करके अनगिनत दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के ख़्वाबों की हत्या कर दी। इस प्रवृत्ति से ही लड़ना है’।

मामला सामने आने के बाद बहुजन युवाओं ने जी।बी। पंत संस्थान और बद्री नारायण दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बहुजन समाज के बुद्धीजीवी इसे मेरिट के नाम पर खुला जातिवाद बता रहे हैं। साथ ही इस नियुक्ति को फ़्रॉड बताकर इसे तत्काल रद्द करने की मांग की जा रही है।

लोकप्रिय

अन्य खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content