नई दिल्ली। दिल्ली सरकार अब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) से टकराव करने के मूड में हैं. दिल्ली में हो रहे स्मॉग को नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन की नीति अपनाई थी, लेकिन महिलाओं और टू व्हीलर्स को छूट देने के कारण एनजीटी ने इस पर आपत्ति जताई थी और ऑड-ईवन की नीति में महिलाओं और टू-व्हीलर्स को भी शामिल करने के लिए कहा था.
लेेकिन एनजीटी ने एक बार फिर स्मॉग को लेकर दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है. मंगलवार को एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके हिसाब से हेल्थ इमरजेंसी क्या है. एनजीटी ने अपने 11 नवंबर वाले आदेश को बदलने से मना कर दिया है. जिसमें उन्होंने टू-व्हीलर्स और महिलाओं को ऑड इवन पर छूट ना देने की बात कही थी.
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चों को संक्रमित फेफड़े गिफ्ट मत कीजिये, स्कूल जाते वक़्त उन्हें मास्क की ज़रूरत पड़ती है. और आप लोग एक राज्य दूसरे राज्य पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा रहा है. ऐसी सूरत में हालात सुधरने की उम्मीद हम कैसे करें.
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान हमारे कई आदेशों के बावजूद आपने कुछ नहीं किया. आपने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया, और अब आप टू-व्हीलर्स को ऑड-ईवन से बाहर रखना चाहते हैं. जब हम सबको पता है कि टू-व्हीलर्स से प्रदूषण हो रहा है तो फिर उन्हें ऑड-ईवन से अलग क्यों रखा जाए.
आर्थिक आधार पर प्रदूषण को लेकर किसी को भी रियायत नहीं दी जा सकती है. आप टू-व्हीलर्स के लिए ये रियायत किस आधार पर मांग रहे हो और ये क्यों दी जाए. एनजीटी ने पूछा कि आपने पिछली बार कहा था कि आप 4 हजार नई बसें ला रहे हो, आपने उस पर भी कुछ नहीं किया.
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