केरल। निपाह वायरस का खौफ केरल में बढ़ता जा रहा है. अबतक 10 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन निपाह वायरस का इलाज कर रही नर्स की मौत के बाद मामला और भी भयानक होते दिख रहा है. इसको लेकर आखिरकार डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी गई है. साथ ही मदद की गुजारिश भी की जा रही है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक केरल के कोझीकोड़ और मलप्पुरम में निपाह वायरस से अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस वायरस से पीड़ित दो लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि कोझीकोड में इलाज करा रहे राजन और अशोकन का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वे दोनों इस वायरस से पीड़ित पाए गए थे. तो वहीं एक नर्सिंग एसिसटेंट लिनि का भी वायरस के कारण सोमवार की सुबह निधन हो गया. हालांकि अभी इसका प्रकोप केवल केरल में दिख रहा है.
निपाह वायरस?
पहली बार वर्ष 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में ऐसा मामला सामने आया था. इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, यह वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है. यह चमगादड़ों के जरिए पहले फलों और फिर वहां से इंसानों और जानवरों पर आक्रमण करता है. ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को पेड़ से गिरे फलों और खासकर खजूर खाने से बचने की सलाह दी जाती है.
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